NDA की बैठक से पहले पीएम मोदी का विपक्ष पर वार, बोले ‘लेबल कुछ है …माल कुछ और है’

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महागठबंधन पर मोदी का हमला

नई दिल्ली: 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) से पहले देश में ध्रुवीकरण का दौर चल पड़ा है. इस बार का सियासी महारण दो खेमों में बंट गया है. एक तरफ विपक्ष तो दूसरी तरफ पीएम मोदी (PM Modi) के दमदार संबल के साथ वाला NDA. सत्ता की लड़ाई में कौन बाजी मारेगा ये तो समय बताएगा, लेकिन अब आरोप- प्रत्यारोप का दंगल दिखने लगा है .

आमने-सामने पक्ष और विपक्ष!

दिल्ली में एनडीए की अहम बैठक हो रही है. बैठक में बीजेपी के नेतृत्व में 38 दलों का जुटान हो रहा है. दिल्ली के अशोका होटल में हो रही इस बैठक के लिए तैयारी मुकम्मल हो चुकी है. बीजेपी के सहयोगी दिल्ली पहुंच चुके हैं. एनडीए की बैठक को बेंगलुरु में चल रहे विपक्ष की बैठक का जवाब माना जा रहा है.

इसे यूं कह सकते हैं दोनों बैठक एक तरह का शक्ति प्रदर्शन है. जिससे सियासी समीकरण में क्षेत्रीय दलों की स्थिति साफ होकर सामने आ रही है. कौन फिलहाल बिना नाम वाले विपक्ष के साथ है और कौन केंद्र में शासन करने वाली एनडीए के साथ।

26 बनाम 38 का सियासी दंगल

24 के महामुकाबले के लिए बेंगलरु में कांग्रेस की अगुवाई में 26 दलों की बैठक का आखिरी दिन है. बैठक शाम 4 बजे तक चलेगी. संभव है कि मीटिंग के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन का नाम सामने आएगा. साथ ही चुनावी रणनीति पर से भी पर्दा हटेगा. सीट के बंटवारे पर भी फैसला हो सकता है.

फिलहाल ये निचोड़ बैठक के आखिरी सेशन के बाद आएगा. लेकिन दिल्ली में ए्नडीए की जो बैठक हो रही है उसमें नेता के नाम पर कोई अटकलें नहीं है. पीएम मोदी हीएनडीए का चेहरा होंगे. साथ ही ओम प्रकाश राजभर, चिराग पासवान, जीतन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा, एकनाथ शिंदे और अजित पवार के एनडीए के साथ आने से एनडीए की मजबूती अब बढ़ती दिख रही है.

इतना ही नहीं अब एनडीए की टीम में 38 दल हैं जो हर राज्य में सियासी समीकरण को बदलने का माद्दा रखते हैं.

पुराने साथी बिछड़े, बीजेपी को मिला नया दोस्त

बिहार में जेडीयू, महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अकाली दल सरीखे अपने कई पुराने सहयोगियों  के अलग होने के बाद, बीजेपी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ गठबंधन करने में सफल रही है, जिसे अब असली शिवसेना माना जाता है.

उधर एनसीपी से अलग हुए अजित पवार के नेतृत्व वाला गुट, उत्तर प्रदेश में ओपी राजभर के नेतृत्व वाली एसबीएसपी और जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाली हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) और उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाली आरएलएसपी बीजेपी के पाले में है.

इन दलों के बीजेपी के साथ आने से महाराष्ट्र , बिहार और उत्तर प्रदेश में सियासी अंकगणित बदल गया है . इसके अलावा पूर्वोत्तर राज्यों से भी कुछ छोटे दल NDA की बैठक में शामिल हो सकते हैं. इनमें त्रिपुरा से टिपरा मोथा पार्टी के प्रदोत्य विक्रम मानिक देव वर्मा शामिल हैं.

वहीं, AIADMK बीजेपी के साथ है. तो  चिराग पासवान के एनडीए में शामिल होने से बिहार के करीब 5 फीसदी पासवानों को साधने की कोशिश हो सकती है. वहीं चिराग पासवान बैठक से ठीक पहले कहा कि लंबे समय से एनडीए से बातचीत का दौर चल रहा है. हमारी कुछ प्राथमिकताएं थी जिन पर चर्चा हुई जिस पर सहमति बनी. हमारा लक्ष्य 2024 का लोकसभा चुनाव और 2025 में बिहार में होने वाला विधानसभा चुनाव है ।

NDA में कुछ नए दल भी हो सकते हैं शामिल

बताया जा रहा है कि एनडीए की बैठक में कई मौजूदा और बीजेपी के नए सहयोगियों की मौजूदगी देखने को मिलेगी, क्योंकि सत्तारूढ़ दल बीजेपी ने नए गठबंधन बनाने और गठबंधन छोड़कर गए लोगों को वापस लाने के लिए काफी काम किया है.

बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने  बताया कि बैठक में 38 पार्टी शामिल होंगी. जिसमें जननायक जनता पार्टी, असम गण परिषद्, महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी,  इंडियन मक्कल कल्वी मुनेत्र कड़गम, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया, बोडो पीपुल्स पार्टी, तमिल मनीला कांग्रेस, पताली मक्कल कच्छी, जनसेना (पवन कल्याण), ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस पुडुचेरी, शिरोमणि अकाली दल ढींढसा , यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल एनडीए के खेमे मे आने की इच्छा जता चुके हैं.

लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि इन पार्टियों के लोकसभा में कोई सदस्य नहीं हैं. परन्तु ये पार्टियां अपने बूते पर एनडीए के लिए गेम बनाने में प्रभावी आंकी जाती हैं।

पीएम मोदी का विपक्ष पर वार

एनडीए का गठन 1988 में हुआ था. लालकृष्ण आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी ने एनडीए का गठन किया. इसके बाद से इसमें कई उतार-चढ़ाव के दौर को देखने को मिले. जार्ज फर्नाडिस, प्रकाश सिंह बादल और अमित शाह तक इसके चेयरमैन रह चुके हैं. कई पुराने साथी साथ छोड़ चुके हैं.

फिलहाल एनडीए में  23 दलों के नाम सामने हैं. इसके बावजूद पीएम मोदी अपने गठबंधन को लेकर बेहद आश्वस्त है. वो विपक्ष के गठबंधन पर हमला करने में चूक नहीं कर रहे हैं. उन्होंने बेंगलुरु में चल रही विपक्ष के बैठक को भ्रष्टाचारियों का सम्मेलन करार दिया.

साथ ही पीएम ने कहा परिवारवादी पार्टियों ने अन्याय किया है. पीएम मोदी ने अवधी भाषा में लिखी एक कविता की पंक्ति को उद्धत करते हुए कहा है कि गाइत कुछ है, हाल कुछ है, लेबल कुछ है, माल कुछ और है।

मतलब साफ है पीएम मोदी विपक्ष की एकता को देश के लिए गंभीर बता कर अपने महाजुटान की अहमियत को देश के लिए अहम बता रहे हैं लेकिन ये सब देश को तय करना है . फिलहाल 2024 के महाभारत में ज्यादा समय नहीं है, लेकिन दोनों गुटों के सम्मेलन से देश में 2024 की तस्वीर काफी हद तक साफ होती दिख रही है.

रिपोर्ट- भानु प्रकाश, डेस्क