छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक का आयोजन, पारंपरिक खेलों को तवज्जो देने का प्रयास

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बालोद/छत्तीसगढ़: ग्राम भरदा में छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक की शुरूआत राजीव युवा मितान क्लब द्वारा किया गया। ग्रामीण अंचलों का खेल अब गांवों से निकलकर शहरों तक पहुंचेगा। यह प्रतियोगिता पुरूषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग स्पर्धा के साथ ही टीम एवं एकल स्तर पर प्रतियोगिताएं होगी।

इसके बाद जोन स्तर, फिर विकासखंड, नगरीय क्लस्टर स्तर, जिला, संभाग और अंतिम में राज्य स्तर पर खेल प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। इस प्रतियोगिता में युवा से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हो सकते हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर   छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों को भी तवज्जो देने और लोगों में खेल के प्रति जागरूकता लाने के लिए शुरू किए गए।

छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक के आयोजन में पारंपरिक खेल प्रतियोगिताएं दो श्रेणी में होंगी। इसमें दलीय श्रेणी गिल्ली डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी और बांटी (कंचा) जैसी खेल विधाएं शामिल की गई हैं। वहीं एकल श्रेणी की खेल विधा में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़ एवं लम्बी कूद शामिल है।

लेखक: रोहन मिश्रा