Right to Disconnect Rule: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में वर्क लाइफ और पर्सनल लाइफ में बैलेंस करना लगभग नामुमकिन हो गया है। ऐसे में कई देशों में वर्किंग कल्चर को बेहतर बनाने के लिए कई तरीके अपनाए जा रहे हैं।
इस बीच, कर्मचारियों में काम का तनाव कम करने और परिवार के लिए अधिक समय निकालने के लिए ऑस्ट्रेलियाई संसद में एक नया कानून पेश किया गया है। इस कानून का नाम ‘राइट टू डिस्कनेक्ट’ यानी संपर्क में न रहने का अधिकार है। अगर कोई कर्मचारी बॉस के खिलाफ शिकायत करता है, तो जांच के बाद उस बॉस पर कार्रवाई भी की जाएगी।
ये कानून ऑस्ट्रेलिया के कर्मचारियों को ‘काम के घंटों के बाद बॉस की बात को नकारने’ का अधिकार देता है। जो इसी सोमवार से लागू हो जाएगा। यानी कर्मचारी सोमवार से काम के घंटों के बाद अपने बॉस की कॉल को नजरअंदाज कर सकेंगे। इस कानून को इसी साल फरवरी में पारित किया गया था, जिसके तहत ड्यूटी खत्म होने के बाद कर्मचारी के लिए बॉस की कॉल अटेंड करना जरूरी नहीं होगा।
एक रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया का यह नया कानून उन कर्मचारियों को संरक्षण देगा जो काम के घंटों के बाद अपने बॉस से बात नहीं करना चाहते। इसका मतलब है कि ड्यूटी के बाद ऑफिस के किसी भी कर्मचारी से कोई काम नहीं कराया जा सकेगा।
कई देशों में लागू है यह कानून
ऑस्ट्रेलिया के अलावा फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम, इटली, अर्जेंटीना, चिली, लक्ज़मबर्ग, मैक्सिको, फिलीपींस, रूस, स्लोवाकिया, स्पेन, ओंटारियो और आयरलैंड समेत 20 देशों में यूरोप के कई देशों में भी इस तरह का कानून मौजूद है, जो कर्मचारियों को काम के घंटे पूरे होने के बाद अपने मोबाइल, लैपटॉप बंद करने का अधिकार देता है।
हालांकि इस कानून को लेकर आलोचकों का कहना है कि कानून में कई कमियां होने के बावजूद इसे जल्दीबाजी में लाया गया है। इस कानून को लाने से अब कर्मचारी अपने परिवार को ज्यादा समय दे पाएंगे।