Tirupati Prasad controversy: तिरुपति मंदिर के प्रसाद में बीफ टैलो (Beef Tallow) के उपयोग का मामला सामने आया है। सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी ने दावा किया है कि गुजरात की एक प्रयोगशाला ने घी के नमूने में बीफ टैलो (Beef Tallow) की मौजूदगी की पुष्टि की है। मुख्यमंत्री के दावे के बाद हुई प्रसाद की जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि मंदिर के प्रसाद में फिश ऑयल का इस्तेमाल किया गया था।
बता दें कि मुख्यमंत्री के आरोप पर पलटवार करते हुए YSRCP ने कहा कि सीएम नायडू ने दिव्य मंदिर की पवित्रता और करोड़ों हिंदुओं की आस्था को बदनाम किया है। इससे यह साबित होता है कि मुख्यमंत्री अपनी राजनीति के लिए कुछ भी कर सकते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भक्तों की आस्था के लिए मैं और मेरा परिवार तिरुमाला प्रसाद को लेकर लगाए गए आरोप के लिए शपथ लेने के लिए तैयार है।
लेकिन इस मामले को लेकर, टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकट रमना रेड्डी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कथित लैब रिपोर्ट दिखाई, जिसमें दिए गए घी के नमूने में “बीफ टैलो” की मौजूदगी की पुष्टि हुई है।
अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या शपथ लेने के बाद मंदिर का प्रसाद पवित्र हो जाएगा, तो वहीं कई लोगों के मन में ये सावाल भी उठ रहा है कि आखिर बीफ टैलो क्या होता है? चलिए जानते हैं…
क्या है बीफ टैलो (Beef Tallow)?
बीफ टैलो (Beef Tallow) मूलतः बीफ वसा से बना होता है, जिसमें रंप रोस्ट, पसलियों और स्टेक जैसे बीफ़ के टुकड़ों से निकली चर्बी होती है. इसे मांस से निकाले गए शुद्ध वसा को पिघलाकर भी बनाया जा सकता है, जो ठंडा होने पर एक लचीले पदार्थ में बदल जाता है।
मंदिर में लड्डू बनाने की प्रक्रिया
तिरुपति मंदिर में हर रोज 3 लाख लड्डू बनाए जाते हैं और बांटे जाते हैं। कथिल लैब रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है कि प्रसाद के लिए तैयार किए जाने वाले लड्डुओं में बीफ की चर्बी, जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिला होता है। इस बीफ टैलो को घी में मिलाया जाता है, जिससे लड्डू तैयार किए जाते हैं। अब सवाल आता है कि लड्डू बनाने के लिए जो घी आता है उसे कौन सप्लाई करता है।
मंदिर में घी की आपूर्ति
बता दें कि मंदिर के प्रसाद के लिए कर्नाटक कॉपरेटिव मिल्क फेडरेशन पिछले 50 साल से मंदिर कमेटी को शुद्ध देसी घी सप्लाई कर रहा था लेकिन जुलाई 2023 में कंपनी ने कम रेट में सप्लाई देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद जगन मोहन रेड्डी सरकार ने 5 फर्म को घी सप्लाई की जिम्मेदारी दी थी। लेकिन इसी साल जुलाई में घी के सैंपल में गड़बड़ी पाए जाने के बाद नायडू सरकार अलर्ट हो गई और 29 अगस्त को फिर KMF को सप्लाई का काम सौंप दिया था।
विवाद और राजनीतिक प्रतिक्रिया
आंध्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने इस मामले में चंद्रबाबू नायडू से उच्च स्तरीय समिति या सीबीआई जांच कराने की मांग की है। बता दें कि अब यह मामला राजनीतिक रंग लेता जा रहा है और देश में बीफ को लेकर चल रही बहस को और भी तूल दे रहा है।