SEBI Chief: लोकपाल ने उठाए हिंडनबर्ग रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल, कहा- आरोपों के सत्यापन के लिए पेश करें सबूत

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नई दिल्ली। भारत के लोकपाल ने SEBI अध्यक्ष माधवी पुरी बुच के खिलाफ आरोपों की जांच की मांग करने वाली शिकायतों को लेकर हिंडनबर्ग रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया है।

क्या है पूरा मामला ?

गौरतलब है कि पिछले दिनों अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट साझा कर SEBI प्रमुख और अडानी समूह के बीच भ्रष्टाचार और वित्तीयलेन-देन का आरोप लगाया था। मामले को लेकर लोकपाल से की गई शिकायत की सुनवाई के दौरान लोकपाल ने कहा कि शिकायतें जल्दबाजी में की गई थीं जो मुख्य रूप से हिंडनबर्ग रिपोर्ट से डाउनलोड की गई जानकारी पर आधारित थीं। इसलिए शिकायतकर्ता केवल हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर भरोसा करने के बजाय अपने आरोपों का समर्थन करने के लिए विश्वसनीय सबूत प्रदान करें।

SEBI अध्यक्ष के खिलाफ उनपर लगे आरोपों को लेकर शिकायतों की सुनवाई के दौरान लोकपाल ने कहा, शिकायतकर्ता को यह स्पष्ट करना होगा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के प्रावधानों के अनुसार किस प्रकार की अनियमितता का आरोप भ्रष्टाचार का अपराध माना जाएगा।

बिना सबूत के ही किए गए शिकायत दर्ज : लोकपाल

सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश AM खानविलकर की अध्यक्षता वाले लोकपाल ने मामले को लेकर कहा कि उनके पास यह मानने का पर्याप्त कारण है कि शिकायतकर्ता ने कथित रिपोर्ट की सामग्री की पुष्टि किए बिना और विश्वसनीय सबूत एकत्र किए बिना अपनी शिकायत दर्ज कराई है। अपने शिकायत में शिकायतकर्ता ने कथित रिपोर्ट में केवल तथ्यात्मक विवरण को ही दोहराया है। उन्होंने इसमें दावे की प्रामाणिकता को सत्यापित करने का प्रयास नहीं किया है।

इन्होंने ने की थी शिकायत

ज्ञात हो की लोकपाल के आदेश में शिकायतकर्ताओं के नाम हटा दिए गए थे। लेकिन इस बात की पुष्टि पहले ही हो चुकी है कि TMC सांसद महुआ मोइत्रा और पूर्व IPS अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने SEBI प्रमुख की जांच की मांग करते हुए लोकपाल के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी।

-गौतम कुमार