Breaking News: कनाडा लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल, विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी

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Breaking News: विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि भारत ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के कुछ सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए कनाडा से कुछ अनुरोध साझा किए थे, लेकिन कनाडा अनुरोध के बावजूद कनाडा लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहा. उसने नई दिल्ली की मुख्य चिंताओं पर कोई कार्रवाई नहीं की. साथ ही विदेश मंत्रालय ने कहा “हमारे राजनयिकों के खिलाफ झूठे आरोपों” को भी खारिज किया.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने आज (17 अक्टूबर) कहा, “हमने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए कनाडा के साथ कुछ अनुरोध साझा किए थे. उन्होंने हमारी मुख्य चिंताओं पर कोई कार्रवाई नहीं की. इसके पीछे एक राजनीतिक मकसद भी है.”

“भारत ने कनाडा की संप्रभुता का उल्लंघन किया”- ट्रूडो

जब कनाडा ने पिछले साल खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय सरकारी एजेंटों की संलिप्तता का आरोप लगाया था, तब जस्टिन ट्रूडो ने स्वीकार किया कि उनके पास कोई “ठोस साक्ष्य” नहीं था और केवल खुफिया जानकारी थी, उन्होंने बुधवार को कहा कि “स्पष्ट संकेत” थे कि भारत ने कनाडा की संप्रभुता का उल्लंघन किया है.

ट्रूडो के इस स्वीकार के बाद विदेश मंत्रालय ने इसका उल्लेख किया और दोहराया कि कनाडा ने खालिस्तानी चरमपंथी की हत्या में भारतीय एजेंटों की संलिप्तता साबित करने वाले कनाडा ने भारतीय विदेश मंत्रालय को सबूतों का एक टुकड़ा भी साझा नहीं किया है.

इस मामले पर जायसवाल ने कहा कि, “हमने इस विशेष मामले पर अपनी स्थिति बहुत स्पष्ट कर दी है. आपने देखा होगा कि पिछले दो दिनों में हमारी स्थिति को स्पष्ट करने के लिए कई प्रेस विज्ञप्तियां जारी की गई हैं, और हम बहुत स्पष्ट हैं कि सितंबर 2023 से, कनाडा सरकार ने हमारे साथ कोई भी जानकारी साझा नहीं की है. कल, फिर से, सार्वजनिक जांच और फिर से सार्वजनिक सुनवाई के बाद, एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि कनाडा ने गंभीर आरोप लगाए हैं, लेकिन अभी तक इसका समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं दिया है… जहां तक आरोपों का सवाल है, पीएम ट्रूडो ने खुद स्वीकार किया है कि कल उनके आरोपों का मूल्य कम होगा… हम अपने राजनयिकों के खिलाफ झूठे आरोपों को अस्वीकार करते हैं.”

ट्रूडो का भारतीय राजनयिकों पर आरोप!

भारत और कनाडा के रिस्तों में अब इस हद तक दरार आ चुकी है. जिसका अंदाजा आप कानाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के इस बयान से लगा सकते हैं. कनाडा पीएम ट्रूडो ने विदेशी हस्तक्षेप की सार्वजनिक जांच के समक्ष गवाही देते हुए बुधवार (16 अक्टूबर) को दावा किया है कि, “भारतीय राजनयिक ऐसे कनाडाई लोगों के बारे में जानकारी इकट्ठा कर रहे थे, जो लोग नरेंद्र मोदी सरकार से असहमत हैं और इसे लॉरेंस बिश्नोई गिरोह को दे रहे हैं.”