Gurpatwant Pannun assassination plot: अमेरिकी न्याय विभाग के खुलासे के बाद भारत सरकार की प्रतिक्रिया आई सामने… जानें क्या कहा?

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Gurpatwant Pannun assassination plot: सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश मामले में अमेरिकी न्याय विभाग ने हाल ही में एक खुलासा किया है, जिसमें उसने एक पूर्व भारतीय खुफिया अधिकारी विकास यादव, पर सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश का आरोप लगाया गया है. अमेरिकी न्याया विभाग का कहना है कि गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ यह साजिश कथित रूप से भारत सरकार के कर्मचारी द्वारा रची गई थी.

भारत-अमेरिका के संबंधों में नया मोड़

यह मामला तब सामने आया जब भारत और अमेरिका ने संयुक्त रूप से पुष्टि की कि न्याय विभाग के अभियोग में उल्लिखित “सीसी1” नामक व्यक्ति, जो पन्नू की हत्या की साजिश से जुड़ा है, लेकिन अब भारतीय सरकार का कर्मचारी नहीं है. भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस जांच की पुष्टि की है, जिसमें भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता और एक अधिकारी की संलिप्तता की समीक्षा की जा रही है.

निखिल गुप्ता पर लगे आरोप?

पिछले साल प्राग से गिरफ्तार किए गए और बाद में अमेरिका में प्रत्यर्पित निखिल गुप्ता पर पन्नू की हत्या की योजना बनाने का आरोप है. अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, भारतीय सरकारी अधिकारी ने गुप्ता को एक हत्यारे को काम पर रखने के लिए भर्ती किया था, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने इस साजिश को विफल कर दिया.

कौन है विकास यादव?

39 वर्षीय विकास यादव पर तीन आरोप लगे हैं, जिनमें भाड़े पर हत्या और मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश शामिल है. अभियोग के अनुसार, यादव ने मई 2023 में पन्नू की हत्या की योजना बनाई थी और इस साजिश में कई लोगों के साथ काम किया. फिलहाल यादव कहां पर है यह कोई नहीं जानता है.

इस मामले में एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे ने कहा कि एफबीआई अमेरिका में रहने वाले लोगों के खिलाफ किसी भी प्रकार की हिंसा या प्रतिशोध को बर्दाश्त नहीं करेगी. वहीं, अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा के खिलाफ किसी भी साजिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

इस आरोप के बाद भारत ने क्या कहा?

भारत सरकार ने इस साजिश में अपनी संलिप्तता से साफ इनकार कर दिया है, और इस मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का भी गठन किया है, ताकि मामले की जांच ठीक से हो सके. यही कारण है कि अमेरिकी अधिकारियों ने भारतीय जांच समिति के सहयोग पर संतोष जताया है और दोनों देशों के बीच जांच प्रक्रिया जारी है.