India vs New Zealand: बेंगलुरु में मिली हार के बाद भारतीय टीम (Team India) जब पुणे के मैदान पर खेलने उतरी तो शायद ही किसी को उम्मीद थी कि एक टर्निंग पिच पर उसे फिर से हार का सामना करना पड़ेगा. न्यूजीलैंड की टीम ने पहली पारी में 259 रन बनाने के बाद भारतीय टीम को महज 156 रन पर समेट दिया और 103 रनों की बड़ी बढ़त ले ली. इतना ही नहीं दूसरी पारी में बल्लेबाजी करते हुए कीवी टीम ने तेजी से 200 रन बना डाले और इस दौरान सिर्फ 5 विकेट खोए.
दूसरी पारी में भारत को मिला 359 रन का टारगेट
नतीजन तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक भारत के सामने 300 से ज्यादा रनों का टारगेट हो चुका था. भारत को वापसी करने के लिए किसी भी तरह से तीसरे दिन कीवी टीम को कम से कम रनों के अंदर समेटना था. शनिवार के दिन भारतीय टीम (Team India) के लिए रविंद्र जडेजा संकटमोचक बनकर उतरे जिन्होंने पहले दो दिन में एक भी विकेट हासिल नहीं किया था लेकिन तीसरे दिन एक रन आउट के साथ 3 विकेट भी चटकाने का काम किया.
रविंद्र जडेजा की बदौलत मेहमान मेहमान टीम दूसरी पारी में 255 रन पर ढेर हो गई. हालांकि न्यूजीलैंड ने 358 रनों की बढ़त बना ली और पुणे की ढहती पिच पर भारत के सामने 359 रनों का जीत का चुनौतीपूर्ण टारगेट रख दिया. भारतीय टीम (Team India) के लिए कप्तान रोहित शर्मा एक बार फिर से दहांई का आंकड़ा पार नहीं कर सके लेकिन यशस्वी जायसवाल (77) और शुभमन गिल (23) की साझेदारी के चलते एक अच्छी शुरुआत जरूर मिली.
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अच्छी शुरुआत के बाद भारत ने टेके घुटने
भारतीय टीम ने दूसरा विकेट 96 रन के स्कोर पर खोया लेकिन इसके बाद वो ज्यादा देर तक खुद को संभाल नहीं सकी. भारतीय टीम एक बार से मिचेल सैंटनर की गेंदबाजी के सामने घुटने टेकती नजर आई जिन्होंने पहली पारी में 7 विकेट चटकाए थे. सैंटनर ने दूसरी पारी में भी 5 विकेट हॉल अपने नाम किया और भारतीय टीम ने अगले 71 रन के अंदर अपने 5 बड़े विकेट खो दिए.
अपने जादुई स्पेल के साथ सैंटनर भारत के खिलाफ एक ही मैच में दो बार 5 विकेट हॉल चटकाने वाले दूसरे कीवी खिलाड़ी बन गए. भारत के खिलाफ टेस्ट में ऐसा करने वाले आखिरी स्पिनर स्टीव ओ’कीफ (6/35 और 6/35) थे, जिन्होंने 2017 में इसी मैदान पर ऐसा किया था.
टेस्ट में दो बार पांच विकेट लेने वाले न्यूजीलैंड के स्पिनर
डैनियल विटोरी 5/62 और 7/87 बनाम ऑस्ट्रेलिया ऑकलैंड 2000
डैनियल विटोरी 6/70 और 6/100 बनाम बैन चटगांव 2004
मिशेल सेंटनर 7/53 और 6/104 बनाम भारत पुणे 2024
नहीं टूट सका 55 साल का सिलसिला
तीसरे दिन चाय के खेल तक भारतीय टीम ने 7 विकेट खोकर 178 रन बना लिए थे लेकिन जीत से वो अभी भी 181 रन दूर थी. भारत के लिए यह राह शुरू से ही आसान नहीं थी क्योंकि यह 26वां मौका था जब भारत को घरेलू मैदान पर 300 से ज्यादा का टारगेट मिला था. इस मैच से पहले के आंकड़ों पर नजर डालें तो भारत को उन 26 मैचों में से 14 में हार, 9 पर ड्रॉ और एक मैच में बराबरी का सामना करना पड़ा था.
भारत ने 300 से ज्यादा रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए एकमात्र जीत साल 2008 में चेन्नई के मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ हासिल की थी, जहां भारतीय टीम ने 387 रनों के लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा किया था. इसके अलावा, न्यूजीलैंड के खिलाफ चौथी पारी में सबसे ज्यादा सफलतापूर्वक पीछा किया गया लक्ष्य 345 रन था, जिसे वेस्टइंडीज ने 1969 में ऑकलैंड में हासिल किया था. ऐसे में अगर भारत जीत हासिल करता तो 55 सालों से चले आ रहे इस निराशाजनक सिलसिले को तोड़ देता.
टूट गई 12 साल से चली आ रही जीत की स्ट्रीक
हालांकि, पुणे में भारतीय टीम (Team India) के लिए 359 रनों का टारगेट काफी बड़ा साबित हुआ और वो दूसरी पारी में महज 245 रनों पर सिमट गई. भारतीय टीम को 113 रनों से हार का सामना करना पड़ा. इस हार से भारतीय टीम की न केवल 2013 से चली आ रही घरेलू मैदान पर 18 सीरीज जीतने की स्ट्रीक खत्म हुई, बल्कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने की उनकी संभावना भी खतरे में पड़ गई है.
पुणे में हार से भारत ने WTC प्वाइंट्स टेबल में टॉप पोजिशन खो दिया और लगातार तीसरी बार फाइनल में पहुंचने का उनका भाग्य पूरी तरह से बॉर्डर-गावस्कर सीरीज पर निर्भर करेगा, जो अगले महीने पर्थ में शुरू होने वाला है. भारत को न सिर्फ न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज का आखिरी मैच जीतना होगा, बल्कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के पांच में से कम से कम तीन मैच भी अपने नाम करने होंगे.