नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच तनाव कम करने को लेकर कहा कि दोनों पक्षों को यह अभ्यास पूरा करने में कुछ समय लगेगा. उन्होंने कहा कि लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में सैनिकों की वापसी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC)पर दुश्मनी समाप्त करने की दिशा में पहला कदम है.
हालांकि, उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच अगला कदम तनाव कम करना होगा. लेकिन ऐसा तब तक नहीं होगा जब तक भारत को यकीन न हो जाए कि चीन भी यही कर रहा है.
LAC पर 2020 की स्थिति बहाल होने में लगेगा समय : जयशंकर
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में भारत और चीन दोनों देश के बीच देपसांग और डेमचोक में पुलिस के गस्त को लेकर आपसी समझौता हुआ था, जिससे पूर्वी लद्दाख में चार साल से चल रहा दोनों देशों के बीच गतिरोध समाप्त हो गया है. इसको लेकर एस जयशंकर ने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि LAC पर 2020 की स्थिति बहाल हो जाएगी.
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उन्होंने कहा कि यह सैनिकों की वापसी और गश्त का मुद्दा है, जिसका मतलब है कि हमारी सेनाएं एक-दूसरे के बहुत करीब आ गई थीं और अब वे अपने ठिकानों पर वापस चली गई हैं. हमें उम्मीद है कि 2020 की स्थिति बहाल होगी. लेकिन इसे लागू करने में समय लगेगा. विदेश मंत्री ने कहा कि तनाव कम होने के बाद सीमाओं का प्रबंधन कैसे किया जाए, इस पर चर्चा की जाएगी.
2020 के बाद रिश्तों में दरार
ज्ञात हो कि भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंध 15 जून, 2020 के बाद उस समय खराब हो गया, जब चीनी हमले को विफल करने के लिए ड्यूटी के दौरान 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए. उससे पहले लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हाथापाई में भी कई चीनी सैनिक मारे गए थे. भारत और चीन द्वारा लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में अपने गतिरोध को हल करने के लिए आपसी समझौते के दो दिन बाद 23 अक्टूबर को सैनिकों की वापसी शुरू हुई.
पिछले हफ़्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी. 2019 के बाद पहली द्विपक्षीय मुलाकात में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सीमा पर शांति बनाए रखना दोनों देशों की प्राथमिकता होनी चाहिए.