महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जीत तय करेगी बाला साहिब ठाकरे की विरासत किसकी? शिवसेना के दोनों गुटों के बीच कड़ा मुकाबला

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में इस बार शिवसेना के दौनों गुटों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी. 20 नवंबर को होने वाले चुनावों में 49 सीटों पर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना चुनावी मैदान में आमने-सामने हैं. इनमें से 19 सीटें मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR) में हैं, जो कभी एकजुट शिवसेना का गढ़ मानी जाती थी. दोनों के बीच सबसे बड़ा मुकाबला मुंबई शहर की 12 सीटों पर देखने को मिलेगा.

ठाकरे और शिंदे के लिए अहम चुनौती

2022 में शिवसेना में विभाजन के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है, जिससे बाला साहिब ठाकरे की राजनीतिक विरासत पर दावा करने का मुद्दा और भी अहम हो गया है. उद्धव ठाकरे के लिए यह चुनाव एक परीक्षा की तरह है, जिसमें वह खुद को अपने पिता की राजनीतिक विरासत का सच्चा वारिस साबित करना चाहते हैं. वहीं, दूसरी ओर महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन के सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री पद के लिए उनकी दावेदारी के संदर्भ में यह मुकाबला महत्वपूर्ण होने वाला है, जो कि पहले से ही साफ हो चुका है कि इस बार महायुति और महा विकास अघाड़ी के बीच टक्कर है.

दूसरी ओर, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का लक्ष्य न केवल महायुति गठबंधन को सत्ता में वापस लाना है, बल्कि शिवसेना की ताकत को भी बढ़ाना है. शिंदे की रणनीति 40 से अधिक सीटों पर जीत हासिल करने की है, जो उनके विद्रोह के समय उनके साथ आए विधायकों की संख्या है. अगर शिंदे यह लक्ष्य प्राप्त कर लेते हैं, तो बीजेपी नेतृत्व ने उन्हें मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का भरोसा दिलाया है.

मुंबई और अन्य क्षेत्रों में सीटों का समीकरण?

MMR क्षेत्र में दोनों शिवसेना गुटों के बीच सबसे प्रमुख मुकाबले होंगे, जिसमें ठाणे के कोपरी पंचपाखडी सीट पर शिंदे का मुकाबला उनके राजनीतिक गुरु आनंद दीघे के भतीजे केदार से होगा, जिन्हें उद्धव गुट का टिकट मिला है. वहीं, वर्ली में उद्धव ठाकरे के बेटे और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे का मुकाबला राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा से होगा, जो शिंदे की शिवसेना से चुनाव लड़ रहे हैं. और महिम सीट पर शिवसेना के वरिष्ठ नेता सदा सरवणकर का सामना उद्धव गुट के महेश सावन से होगा.

लेकिन MMR क्षेत्र कहीं न कहीं शिंदे के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि हाल के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने केवल मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट जीती थी. शिवसेना (UBT) ने मुंबई साउथ और साउथ सेंट्रल सीटों पर जीत हासिल की थी. हो सकता है कि ये राह अब थोड़ी आसान हो जाए क्योंकि शिंदे गुट मुंबई में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए संघर्ष कर रहा है.

कोकण और मराठवाड़ा में कड़ी टक्कर

कोकण बेल्ट भी शिवसेना के लिए खास है। हाल के लोकसभा चुनाव में शिवसेना (UBT) को यहां सभी पांच सीटों पर हार का सामना करना पड़ा. कुडल सीट पर केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे निलेश शिवसेना के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं और उनका मुकाबला उद्धव गुट के विधायक वैभव नाइक से है.

मराठवाड़ा में, जो कभी शिवसेना का गढ़ हुआ करता था, उद्धव और शिंदे गुटों के बीच करीबी मुकाबले देखने को मिलेंगे. वहीं, संभाजी नगर पश्चिम और कलमनुरी सीटों पर उद्धव गुट के उम्मीदवारों से शिंदे गुट के मंत्री अब्दुल सत्तार, संजय शिरसाट और संतोष बांगर का मुकाबला होगा.

विदर्भ और उत्तर महाराष्ट्र में भी जोरदार मुकाबले

विदर्भ में तानाजी सावंत और संजय राठौड़ जैसी शिंदे गुट के मंत्री उद्धव गुट के उम्मीदवारों से मुकाबला करेंगे, और उत्तर महाराष्ट्र में पचोरा सीट पर शिवसेना के विधायक किशोर पाटिल और उद्धव गुट की उम्मीदवार वैषाली सुर्यवंशी के बीच संघर्ष देखने को मिलेगा.

बता दें कि महाराष्ट्र के इन चुनावों में शिवसेना के दोनों गुटों के बीच होने वाले ये मुकाबले केवल सीटों की लड़ाई नहीं हैं, बल्कि बाला साहिब ठाकरे की विरासत पर अधिकार का दावा करने की एक महत्वपूर्ण जंग भी हैं.