नई दिल्ली। Punjab प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PPCB) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पंजाब में शुक्रवार को खेतों में आग लगाने की 587 घटनाएं दर्ज की गयी, जो इस सीजन का सबसे बड़ा आंकड़ा है.
खेतों में पराली जलाने की 379 घटनाएं
PPCB द्वारा जारी एक अन्य आंकड़े में पंजाब में खेतों में पराली जलाने की 379 घटनाएं दर्ज की गयी. राज्य में दर्ज मामलों में संगरूर सबसे बड़ा जिला है, जहां करीब 66 मामले दर्ज किए गए.जिसके बाद 50 मामलों के साथ फिरोजपुर दूसरे और 42 मामलों के साथ तरनतारन का तीसरा सबसे बड़ा जिला है. अन्य जिले
- अमृतसर – 27
- बठिंडा – 28
- मोगा – 26
- पटियाला -21
- कपूरथला -15
- लुधियाना- 15
पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के आंकड़ों के अनुसार, 15 सितंबर से 2 नवंबर तक राज्य में खेतों में आग लगाने के करीब 3,916 मामले सामने आए हैं. पिछले कुछ दिनों में खेतों में पराली जलाने की घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है.
इसलिए Punjab के आंकड़ों में हो रही है वृद्धि
Punjab के खेतों में पराली जलाने की घटनाओं में हो रही भारी वृद्धि के कारणों को लेकर कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर एक समाचार संस्थान को बताया कि किसानों के लिए अगली फसल बोने का समय अब कम होता जा रहा है. इसलिए आंकड़ों में वृद्धि हो रही है.
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अधिकारी ने कहा कि अगली फसल बोने का समय कम होता जा रहा है, क्योंकि किसानों को अच्छी उपज पाने के लिए 15 नवंबर तक गेहूं बोना पड़ता है. इसलिए वे अगली फसल के लिए धान के खेतों को खाली करने के लिए पराली जलाने का सहारा ले रहे हैं. ज्ञात हो कि दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के लिए अक्टूबर-नवंबर में धान की फसल की कटाई के बाद पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने को अक्सर जिम्मेदार ठहराया जाता है.
पिछले साल 26 प्रतिशत की गिरावट
Punjab में 2023 में खेतों में आग लगने की 36,663 घटनाएं दर्ज की गयी. यह 2022 की तुलना में ऐसी घटनाओं में 26 प्रतिशत की गिरावट है. पिछले कुछ सालों में पराली जलाने की दर्ज की गई आंकड़े
- 2023 – 36,663
- 2022 – 49,922,
- 2021 – 71,304,
- 2020 – 76,590,
- 2019 – 55,210
- 2018 – 50,590