CJI D.Y. Chandrachud: देश के मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं. इन कार्य दिवसों में उन्हें कई अहम मुद्दों पर फैसला देना है, जिसमें अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा देने से जुड़ा विवाद, मदरसा कानून की वैधता संबंधित कई जरूरी मुद्दे शामिल हैं.
अपने रिटायरमेंट से पहले CJI (CJI D.Y. Chandrachud) जिन मुद्दों पर फैसला सुनाने वाले हैं, उसका न सिर्फ राजनीति बल्कि आम लोगों के जीवन पर भी असर पड़ेगा.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय मामला
मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली 7 जजों की पीठ ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा देने से संबंधित मुद्दों पर 1 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रखा. संविधान पीठ इस कानूनी सवाल पर अपना फैसला सुनाने वाली है कि AMU को संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत अल्पसंख्यक का दर्जा मिलता है या फिर नहीं.
भर्ती प्रक्रिया के बाद नियमों में बदलाव का मामला
SC के 5 जजों की संविधान पीठ इस कानूनी सवाल पर अपना फैसला सुनाने वाली है कि क्या भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियमों और शर्तों में बदलाव किया जा सकता है? इस मामले में संविधान पीठ ने 23 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रखा. बता दें कि यह कानूनी सवाल राजस्थान हाईकोर्ट में अनुवादकों की नियुक्ति के मामले से उठा था.
एलएमवी लाइसेंस धारक मामला
CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली 3 जजों की पीठ ने अभी हाल ही में यूपी मदरसा अधिनियम के वैधता से जुड़े मुद्दे पर अपना फैसला सुरक्षित रखा. पीठ ने इलाहाबाद HC के एक फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा है, जिसके अनुसार यूपी मदरसा अधिनियम को असंवैधानिक घोषित करते हुए रद्द किया गया था. बच्चों को सरकारी स्कूलों में समायोजित करने का आदेश दिया गया था.
संपत्ति के वितरण पर फैसला
CJI की अगुवाई वाली 9 जजों की संविधान पीठ इस संवैधानिक सवाल पर अपना फैसला सुनाने वाली है कि क्या सरकार को निजी संपत्ति अधिग्रहित कर उनका पुनर्वितरण करने का अधिकार है या फिर नहीं.
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