खतरे में दुनिया भर के बच्चे! साइबर ग्रूमिंग का हो रहे हैं शिकार, जानिए बच्चों को कैसे बचाएं?

Published

अगर आप एक अभिवावक हैं या फिर आपके परिवार में बच्चें हैं तो ये खबर आपके लिए बहुत ही खास होने वाली है क्योंकि, इस खबर में आप जानेंगे कि अपने बच्चों को आप साइबर ग्रूमिंग से कैसे बचा सकते हैं। ये बात तो सभी जानते हैं कि आज हर कोई औसतन 12 घंटे या उससे भी अधिक मोबाइल या कंम्प्यूटर का इस्तेमाल करता ही है।

लेकिन खतरे की बात ये है कि इस रेस में अब बच्चे बड़ों से आगे निकते जा रहे हैं। इस बात का सबसे ज्यादा फायदा साइबर ग्रूमर उठा रहे हैं। क्योंकि साइबर ग्रूमिंग एक ऐसा अपराध है। जिसके सबसे ज्यादा शिकार बच्चे और किशोर हो रहे हैं।

बच्चें ही क्यों हो रहे हैं साइबर ग्रूमिंग का शिकार?

जब हम मोबाइल फोन का यूज कर रहे होते हैं, तब हमें इस बात का जरा सा भी एहसास नहीं होता है कि कोई हमपर नजरें भी रखे हुए हैं। युवा वर्ग या वरिष्ठ लोग इस बात को समझते हैं। इसलिए ही उनका ऑनलाइन फ्रॉड में फंसने के चांस बहुत ही कम रहते हैं।

लेकिन बच्चें और किशोर इस बात को नहीं समझ पाते हैं और वे साइबर ग्रूमर का शिकार आसानी से हो जाते हैं। सोशल मीडिया से लेकर गेमिंग साइट तक पर साइबर ग्रूमर ग्रूम करते रहते हैं। साइब ग्रूमर कोई भी हो सकता है। ये आपका पड़ोसी हो सकता है। रिश्तेदार हो सकता है या फिर कोई अंजान भी हो सकता है।

ये सभी ग्रूमर सोशल मीडिया प्लेटफार्म, चैट रूम या फिर किसी गेमिंग वेबसाइट या पोर्टल पर ग्रूम करते रहते हैं। पहले तो ये बच्चे पर कुछ समय के लिए नजर रखते हैं फिर उसके व्यवहार को जानकर उसके जैसा ही व्यवहार करते हैं। यानी बच्चा जिस भी प्लेटफॉर्म का प्रयोग करता है।

उसके अनुसार ही ये भी अपना अकाउंट बना लेते हैं और बच्चों गेमिंग, सोशल मीडिया, ईमेल आति पर बच्चों का विश्वास प्राप्त करते हैं और बच्चों के साथ भावनात्मक संबंध स्थापित कर लते हैं।

साइबर ग्रूमर बच्चों को कैसे करते हैं प्रभावित

साइबर ग्रूमर बच्चों को प्रभावित करने के लिए उनकी प्रसंशा कर सकते हैं। बच्चों के साथ ऑनलाइन गेम खेल सकते हैं। उपहार, मॉडलिंग या फिर जॉब का लालच दे सकते हैं। जब बच्चा प्रभावित हो जाए तो वो उनसे धीरे-धीरे बाते बढ़ाने लगते हैं।

ग्रूमर बच्चों को अश्लील मैसेज, फोटोग्राफ या फिर वीडिया भेजना शुरू कर देते हैं। उसके बदले में उनसे भी ऐसे ही अश्लील मैसेज या फोटा और वीडियो भेजने के लिए बोल सकते हैं। कुछ बच्चे डरकर ऐसा करने के लिए मजबूर हो जाते हैं या फिर कुछ उनके बहकाबे में आकर ऐसा करने लगते हैं।

क्योंकि किशोर अवस्था बहुत ही आवेगशील और जिज्ञासु प्रवत्ति की होती है। यही कारण है कि बच्चे व किशोर साइबर ग्रूमिंग का शिकार हो जाते हैं। बच्चों पर साइब ग्रूमिंग का प्रभाव बहुत ही गहरा पड़ता है। ये शारीरिक, मानसिक या फिर भावनात्मक हो सकते हैं।

साइबर ग्रमिंग से बच्चों को कैसे बचाएं?

  • आइए जानते हैं कि आप अपने बच्चों को साइबर ग्रूमिंग से कैसे बचा सकते हैं…
  • सबसे पहले हमें अपने बच्चों को समझाना है कि उनको किसी अंजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार नहीं करनी है।
  • सोशल मीडिया व ऑनलाइन गेमिंग वाली वेबसाइड पर आपनी व्यक्तिगत जानकारी डालने से बचें। जैसे- स्कूल का नाम, पता, फोन नंबर आदि।
  • ऐसे लोगों से चैट न करें, जो आपको अश्लील मैसेज भेजता हो। अपने बच्चों को समझाएं कि वे इसकी सूचना तुरंत अपने माता-पिता को दें।
  • अगर आप ऑनलाइन गेम खेल रहे हैं और आपका पार्टन वेबकैम पर नहीं है तो आपको भी अपने वेबकैम को ऑफ रखना चाहिए।
  • कभी किसी अंजान लिंक से कोई सॉफ्टवेयर या एप्स को बिल्कुल भी इंस्टाल न करें। क्योंकि इंस्टालेशन के जरिए कोई आपकी जानकारी चुरा सकता है।