Haryana Elections Result 2024: हरियाणा में कांग्रेस की हार का कारण बनी आम आदमी पार्टी! जानें… बीजेपी को कैसे मिली ऐतिहासिक जीत?

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Haryana Elections Result 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे अब स्पष्ट हो चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राज्य में जीत हासिल की है, लेकिन इस बार चुनावी मुकाबला पहले से कहीं ज्यादा कड़ा रहा। कांग्रेस, जो राज्य में सत्ता के करीब थी, बहुमत से सिर्फ 9 सीटें दूर रह गई। इस स्थिति का एक प्रमुख कारण आम आदमी पार्टी (AAP) का अलग चुनाव लड़ना और कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाना माना जा रहा है।

AAP का कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन ने बिगाड़ा खेल!

हरियाणा की राजनीति में भले ही आम आदमी पार्टी हरियाणा में अपना खाता नहीं खोल पाई हो, लेकिन कई सीटों पर उसने कांग्रेस के समीकरणों को पूरी तरह बिगाड़ दिया। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा में कई ऐसी सीटें थीं, जहां पर कांग्रेस की हार का मुख्य कारण AAP के उम्मीदवार रहे। इन सीटों पर कांग्रेस की हार का मार्जिन AAP उम्मीदवारों को मिले वोटों से भी कम था। इसका मतलब है कि अगर AAP और कांग्रेस ने गठबंधन किया होता, तो शायद कांग्रेस इन सीटों पर जीत सकती थी।

इन 8 सीटों पर AAP ने कांग्रेस को पहुंचाया नुकसान…

  • असंध: कांग्रेस 2306 वोटों से हारी, जबकि AAP को 4290 वोट मिले।
  • डबवाली: कांग्रेस 610 वोटों से हारी, जबकि AAP को 6606 वोट मिले।
  • उचाना कलां: कांग्रेस सिर्फ 32 वोटों से हारी, जबकि AAP को 2495 वोट मिले।
  • रानियां: कांग्रेस 4100 वोटों से हारी, जबकि AAP को 4697 वोट मिले।
  • दादरी: कांग्रेस 1957 वोटों से हारी, जबकि AAP को करीब 1300 वोट मिले।
  • रेवाड़ी: कांग्रेस 28769 वोटों से हारी, जबकि AAP को 18000 वोट मिले।
  • भिवानी: कांग्रेस 32714 वोटों से हारी, जबकि AAP को 17000 से ज्यादा वोट मिले।
  • नारनौल: कांग्रेस 17171 वोटों से हारी, जबकि AAP को 6133 वोट मिले।

बता दें कि इन सभी सीटों पर कांग्रेस के हारने का मुख्य कारण AAP के वोट बैंक में की गई सेंध रही। अगर AAP ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया होता, तो नतीजे पूरी तरह से बदल सकते थे।

AAP हरियाणा फेल, जम्मू-कश्मीर में पास

हरियाणा में भले ही आम आदमी पार्टी अपना खाता न खोल पाई हो, लेकिन जम्मू-कश्मीर में एक सीट पर जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया है। डोडा निर्वाचन क्षेत्र से AAP के उम्मीदवार मेहराज मलिक ने बीजेपी के उम्मीदवार को हराकर इस सीट पर कब्जा किया। इस जीत के बाद जम्मू-कश्मीर AAP का पांचवा राज्य बन गया, जहां पार्टी का विधायक चुना गया है। इस पर अरविंद केजरीवाल ने कहा, “यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हम अब पांच राज्यों में अपनी उपस्थिति दर्ज कर चुके हैं।”

कांग्रेस के लिए AAP से गठबंधन न करना बना बड़ी चूक

चुनाव आयोग के डेटा के अनुसार, कांग्रेस ने हरियाणा में कुल 37 सीटों पर जीत दर्ज की, लेकिन बहुमत हासिल करने के लिए 9 सीटें कम पड़ गईं। अगर कांग्रेस ने AAP के साथ गठबंधन किया होता, तो संभवतः कांग्रेस को अधिक सीटें मिल सकती थीं और वह बहुमत के करीब पहुंच सकती थी।

पार्टियों के वोट प्रतिशत पर एक नजर..

  • BJP को 39.94% वोट मिले।
  • कांग्रेस को 39.31% वोट मिले।
  • AAP को 1.79% वोट मिले।

अगर कांग्रेस और AAP के वोट प्रतिशत को जोड़ा जाए, तो यह बीजेपी से लगभग 1% अधिक होता। इससे साफ जाहिर होता है कि अगर दोनों पार्टियों ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा होता, तो नतीजे कांग्रेस के पक्ष में आ सकते थे।

गठबंधन न करने से हुआ कांग्रेस का नुकसान

तस्वीर साफ है कि AAP और कांग्रेस का गठबंधन न होना कांग्रेस को भारी पड़ा है। AAP ने हरियाणा की 90 में से 89 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे, जिससे कांग्रेस के संभावित वोट बैंक में सेंध लग गई। चुनाव विशेषज्ञों का मानना है कि कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन को लेकर काफी समय तक बातचीत चलती रही, लेकिन अंतिम समय तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। यह स्थिति AAP के नाराज होने का कारण बनी और पार्टी ने अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया।

मौजूदा विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी भले ही हरियाणा में अपना खाता नहीं खोल पाई हो, लेकिन उसने कांग्रेस की सरकार बनाने के सपने को ध्वस्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कांग्रेस के लिए यह चुनाव एक बड़ा सबक साबित हुआ, जहां गठबंधन न करने की रणनीति ने उसे बहुमत से दूर कर दिया। दूसरी ओर, AAP की भूमिका ने हरियाणा चुनाव को एक दिलचस्प मोड़ पर ला खड़ा कर दिया है, जहां भाजपा ने सत्ता बरकरार रखी, लेकिन कांग्रेस को अपने फैसलों पर पुनर्विचार करने की जरूरत है।