Ratan Tata Death: भारत के प्रमुख उद्योगपति और टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने बुधवार रात मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। उन्हें कुछ दिन पहले नियमित चेकअप के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया था। उनके निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है।
पूरे देश में दुख की लहर
रतन टाटा के निधन की खबर मिलते ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, और उद्योगपति मुकेश अंबानी अस्पताल पहुंचे। मुख्यमंत्री शिंदे ने उन्हें ‘भारत का कोहिनूर’ बताया और कहा कि टाटा का योगदान देश के लिए अविस्मरणीय है।
अंतिम दर्शन सुबह 10 बजे से शुरू
रतन टाटा के पार्थिव शरीर को उनके कुलाबा स्थित घर ले जाया गया, और आज सुबह 9:45 बजे से उनके पार्थिव शरीर को नरिमन प्वाइंट स्थित NCPA (नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स) में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेंगे। इसके बाद उनका अंतिम संस्कार मुंबई के वर्ली श्मशान में किया जाएगा।
सभी राजकीय कार्यक्रम रद्द
रतन टाटा के निधन के कारण महाराष्ट्र सरकार ने आज मुंबई में आयोजित सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि यह दिन रतन टाटा के सम्मान में समर्पित रहेगा।
रतन टाटा का जीवन परिचय
28 दिसंबर 1937 को जन्मे रतन टाटा ने अपनी शुरुआती शिक्षा मुंबई के कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से प्राप्त की। उन्होंने अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। 1962 में टाटा समूह में शामिल होने के बाद, 1981 में उन्हें टाटा इंडस्ट्रीज का चेयरमैन बनाया गया। 1991 में जे.आर.डी. टाटा के रिटायर होने के बाद उन्होंने टाटा संस के चेयरमैन का पद संभाला और कंपनी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
रतन टाटा का अहम योगदान
रतन टाटा न केवल एक कुशल उद्योगपति थे, बल्कि एक महान मानवतावादी भी थे। उन्होंने अपने जीवन में समाज सेवा, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया। टाटा समूह के तहत उन्होंने कई कल्याणकारी योजनाओं का आरंभ किया, जिससे लाखों लोगों का जीवन प्रभावित हुआ।