Amritsar News: विश्व प्रसिद्ध श्री दुर्ग्याणा तीर्थ पर हर वर्ष नवरात्रि में लंगूर मेला लगता है। इस प्राचीन लंगूर मेले के दौरान लाखों लोग श्री बड़ा हनुमान मंदिर में दर्शन करने आते हैं। इस मेले के दौरान भक्त अपने बच्चों को लंगूर की पोशाक पहनाते हैं और भगवान श्री बड़ा हनुमान मंदिर में माथा टेकने पहुंचते हैं। इस मेले के दौरान भक्त अपने बच्चों को लंगूर की पोशाक पहनाकर भगवान हनुमान के चरणों में माथा टेकने के लिए लाते हैं।
मंदिर का इतिहास कई सौ साल पुराना
वहीं, मंदिर के पंडित मेघ शाम ने बताया कि ऐतिहासिक मेले की विधि के अनुसार, जो लोग अपने बच्चों को लंगूर बनाते हैं, वे चाकू का कटा भोजन नहीं करते, बिस्तर पर नहीं सोते। वहीं आयोजकों के मुताबिक, इस बार श्री बड़ा हनुमान मंदिर में पिछले सालों की तुलना में ज्यादा संख्या में लंगूर दर्शन करने आ रहे हैं। मंदिर के पंडित ने बताया कि इस मंदिर का इतिहास कई सौ साल पुराना है और प्राचीन रीति-रिवाज के अनुसार इस मंदिर में हर साल वार्षिक लंगूर मेला लगता है।
महत्वपूर्ण नियमों का पालन
लंगूर बनने वाले बच्चों और उनके माता-पिता को पहले नवरात्रि के दिन से दशहरे तक कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन किया जाता है। पहले दिन पूजा का सामान, मिठाई, फल, नारियल, फूल लाना जरूरी है। लंगूर बनने वाले बच्चे और माता-पिता चमड़े के जूते, चप्पल, बेल्ट का उपयोग नहीं कर सकते हैं और मंदिर में नंगे पैर आना जरूरी है।
इन चीजों का इस्तेमाल करना वर्जित
लंगूर बनने वाले बच्चे को इन दिनों में चाकू से कटी हुई कोई भी चीज नहीं खानी चाहिए। किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थ जैसे प्याज, लहसुन, शराब आदि का सेवन वर्जित है। ब्रह्मचर्य व्रत का पालन आवश्यक है। दूसरे के घर के दरवाजे के अंदर नहीं जाना, दूसरे के घर का खाना नहीं खाना। पूरे शरीर पर तेल, शैंपू, साबुन लगाना वर्जित है।
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