नई दिल्ली। पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के आंकड़ों की तुलना करते हुए, दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के लिए भारतीय जनता पार्टी और उसकी सस्ती राजनीति को जिम्मेदार ठहराया.
उत्तर प्रदेश में 70% और हरियाणा में 23% वृद्धि हुई पराली जलाने की घटना
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने दावा किया कि पंजाब में खेतों में आग लगाने की घटनाएं पिछले साल की तुलना में आधी रह गई हैं. जबकि पराली जलाने की घटना उत्तर प्रदेश में 70% और हरियाणा में 23% बढ़ गई हैं. दिल्ली की सीएम आतिशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों में न केवल वायु प्रदूषण, बल्कि यमुना नदी में भी प्रदूषण बढ़ रहा है. दिल्ली के वायु और जल प्रदूषण में वृद्धि का मुख्य कारण भाजपा की सस्ती राजनीति है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में आतिशी ने कहा कि पंजाब में AAP सरकार ने पराली जलाने की घटनाओं को कम करने के लिए दो साल तक अथक प्रयास किया है. पिछले साल पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में आधी कमी आई थी. अगर हरियाणा के आंकड़ों पर नज़र डालें तो खेतों में आग लगने की घटनाओं में 23% की वृद्धि हुई है. यूपी में खेतों में आग लगने की घटनाओं में 70% की वृद्धि हुई है.
दिल्ली में इसलिए बढ़ती है प्रदूषण स्तर
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश से आने वाली डीजल से चलने वाली बसें दिल्ली के आनंद विहार इलाके में प्रदूषण के स्तर में मुख्य योगदान देती हैं. अगर हम आनंद विहार की बसों को देखें, जहाँ सबसे ज़्यादा AQI दर्ज किया जाता है, तो दिल्ली की सभी बसें CNG या बिजली से चलती हैं. लेकिन अगर हम यूपी और हरियाणा से आने वाली बसों को देखें, तो वे डीजल से चलती हैं. आनंद विहार इलाके में प्रदूषण का एक महत्वपूर्ण कारण यूपी से आने वाली हज़ारों डीजल से चलने वाली बसें हैं
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हरियाणा और यूपी सरकार पर हमला
आतिशी ने हरियाणा और यूपी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि हरियाणा और यूपी सरकार अपने बेड़े में CNG और इलेक्ट्रिक बसें क्यों नहीं शामिल कर सकतीं? उन्होंने कहा कि NCR में 3800 ईंट भट्टे हैं, जो दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में को बढ़ाने में अपना योगदान देते हैं. भाजपा की आलोचना करते हुए आतिशी ने कहा कि भाजपा नेता कालिंदी कुंज में फोटोशूट के लिए आते रहे. यमुना में जहरीले झाग का असली कारण हरियाणा की फैक्ट्रियों द्वारा नदी में डाला जा रहा औद्योगिक कचरा है. उत्तर प्रदेश सरकार भी यमुना में प्रदूषित पानी छोड़ कर समस्या को बढ़ावा दे रही है.