नई दिल्ली/डेस्क: दिल्ली महिला आयोग ने एक एसिड अटैक सर्वाइवर का दिल्ली के एक प्रमुख विश्वविद्यालय के कॉलेज में प्रवेश करवाया है।
14.12.2022 को दिल्ली के द्वारका इलाके में एक 17 साल की लड़की स्कूल जा रही थी तभी दो बाइक सवारों ने उस पर एसिड फेंक दिया।
इस संबंध में एफआईआर दर्ज की गई थी और लड़की एसिड अटैक के कारण लगी चोटों के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती रही थी । इस मामले में दिल्ली पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था।
मिला मेहनत का फल
आयोग ने लड़की से मुलाकात की और लड़की का सहयोग करने के लिए लगातार परिवार के संपर्क में है। लड़की एक उत्कृष्ट छात्रा है और उसने अपने ऊपर हुए हमले को अपनी पढ़ाई के आड़े नहीं आने दिया। उसने कड़ी मेहनत की और अपनी सभी परीक्षाएं उत्तीर्ण कीं।
हाल ही में आयोग को पीड़िता से दिल्ली के एक प्रमुख विश्वविद्यालय में प्रवेश के संबंध में शिकायत मिली।
लड़की ने बताया कि उसे दिल्ली के एक अग्रणी विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेज में एक प्रतिष्ठित कार्यक्रम में प्रवेश के लिए चुना गया था। उसने बताया कि कॉलेज में उसका प्रवेश रद्द कर दिया गया था, क्योंकि वह अपना ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र समय पर प्रस्तुत नहीं कर सकी थी।
उसने आयोग को सूचित किया कि जब तक वह अपना ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र प्राप्त करने में सफल हुई, कॉलेज ने प्रक्रियात्मक चूक का हवाला देते हुए उसे प्रवेश देने से इनकार कर दिया क्योंकि वह समय पर अपना ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र जमा नहीं कर पाई थी।
परीक्षा पास करने में सफल रही
लड़की हाल ही में एसिड हमले के जघन्य अपराध का शिकार हुई है और फिर भी, वह अपने गंभीर आघात से उबरने और दिल्ली के अग्रणी विश्वविद्यालयों में से एक कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए प्रतियोगी परीक्षा पास करने में सफल रही।
इसलिए आयोग ने कॉलेज को नोटिस जारी कर लड़की को तत्काल वहां दाखिला देने के लिए कहा। कॉलेज ने आयोग को सूचित किया कि इस मामले में केवल विश्वविद्यालय ही लड़की की मदद कर सकता है।
स्वाति मालीवाल ने कार्रवाई रिपोर्ट मांगी
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने 26 अगस्त 2023 को विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को 29 अगस्त 2023 को आयोग के समक्ष उपस्थित होने के लिए समन जारी किया और मामले में कार्रवाई रिपोर्ट मांगी।
विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने 29.08.2023 को आयोग का दौरा किया और बताया कि आयोग के अनुरोध पर, विश्वविद्यालय ने इस मुद्दे पर उदार रुख अपनाने का फैसला किया है और लड़की को उसी कार्यक्रम और कॉलेज में प्रवेश दिया गया है जिसके लिए उसने आवेदन किया था।
दिल्ली महिला आयोग की स्वाति मालीवाल ने कहा, “आयोग का विचार है कि ऐसी प्रतिभाशाली छात्रा का प्रवेश केवल समय पर ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र प्रदान न करने के आधार पर रद्द नहीं किया जाना चाहिए। मैं उस लड़की से मिली हूं और मैं उसके आत्मविश्वास और साहस से प्रभावित हूं।
यहां तक कि उनका परिवार भी यही चाहता है कि उनकी बेटी पढ़े और अपने सपनों को हासिल करे। मैं इस बात से बहुत परेशान थी कि उन्हें लड़की के प्रवेश में प्रक्रियात्मक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था और इसलिए, हमने विश्वविद्यालय को समन जारी किया।
मुझे खुशी है कि आखिरकार उसे प्रवेश मिल गया। आयोग भविष्य में भी उनकी और उनके परिवार की सहायता करना जारी रखेगा।”