RBI MPC: वित्त वर्ष 2024-25 में GDP की दर 7.2 % रहने का अनुमान, आरबीआई ने नहीं किया रेपो रेट में बदलाव

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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के दौरान घोषणा की कि केंद्रीय बैंक ने लगातार 10वीं बार नीतिगत रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया है। यह पहले की भांति 6.5 प्रतिशत रहेगी।

5-1 के बहुमत से RBI का फैसला

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रेपो दर में बदलाव नहीं करने का फैसला MPC) के 6 में से 5 सदस्यों के बहुमत से लिया गया है। RBI गवर्नर ने यह भी बताया कि वर्तमान में स्थायी जमा सुविधा (SDF) दर 6.25 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) दर और बैंक दर दोनों 6.75 प्रतिशत पर स्थाई हैं।

इसलिए नहीं हुआ रेपो रेट में बदलाव

आरबीआई के मौद्रिक नीति रुख में बदलाव को लेकर RBI गवर्नर ने कहा कि MPC ने मौद्रिक नीति के रुख को तटस्थ करने का फैसला किया है, जबकि स्पष्ट रूप से लक्ष्य के साथ मुद्रास्फीति के टिकाऊ संरेखण पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह तटस्थ रुख मुद्रास्फीति के दबावों को प्रबंधित करने में RBI के संतुलन को दर्शाता है,और यह सुनिश्चित करता है कि आर्थिक विकास से समझौता न हो। केंद्रीय बैंक का ध्यान स्थिर मुद्रास्फीति दर प्राप्त करने पर है, जो उसके दीर्घकालिक लक्ष्य के अनुरूप, सतत आर्थिक विस्तार को बढ़ावा देना है।

अगस्त में CPI रेट में 3.65% की कमी

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति अगस्त में 3.65 प्रतिशत तक कम हो गई थी। यह RBI के 2-6 प्रतिशत लक्ष्य सीमा के भीतर-खाद्य मुद्रास्फीति 5.65 प्रतिशत पर उच्च बनी हुई है, जो केंद्रीय बैंक के 4 प्रतिशत के मध्यम अवधि के लक्ष्य से अधिक है। इसके अलावा, पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक तनावों के कारण वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि ने मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं को और बढ़ा दिया है। इन चुनौतियों के बावजूद, RBI ने महामारी के बाद आर्थिक सुधार को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करते हुए रेपो दर में परिवर्तन नहीं किया है।

-गौतम कुमार