बिजनौर के कई गांवों में गुलदार का कहर, वन विभाग वालों ने भी डाले हथियार

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बिजनौर/उत्तर प्रदेश: गुलदार का नाम तो अपने सुना होगा, ये एक तेंदुए की प्रजाति है, जिसने उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के कई गावों में लोगों के मन में एक दहशत का मोहौल बना रखा है, यही नहीं गुलदार ने कई लोगों को बेरहमी से मारकर उनकी जान भी ले ली है, अगर कोई इंसान किसी गुलदार को जान से मार देता है तो सरकार की तरफ से उसको 7 साल की कड़ी सजा और 25 हज़ार रुपए का जुर्माना लगाया जाता है, लेकिन अगर कोई गुलदार लगातार इंसानों को खा रहा है, तो क्या सरकार को इस पर कोई बड़ा एक्शन नहीं लेना चाहिए? क्या अब देश में इंसानों की जान से ज्यादा सरकार को गुलदार की जान की ज्यादा परवाह है? जब एक गुलदार को मारने पर सरकार ने सख्त कानून बनाए, तो बिजनौर के आस-पास के गांवों में तो गुलदार ने कई बच्चों से उनके माँ-बाप छीन लिए, तो सरकार इस पर सख्त कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है?

हाल ही में 02 अगस्त को गुलदार ने एक और इंसान की जान ली, बिजनौर के कोतवाली देहात इलाके के सिकंदरपुर में खेत पर काम करने गए किसान धर्मपाल पर गुलदार ने ऐसा किया हमला किया कि किसान के सीने और गर्दन का मांस खा गया, जिसकी वजह से किसान ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, और ये पहली घटना नहीं, अभी तक गुलदार 13 लोगों को अपना शिकार बना चूका है, तो कई लोगों को घायल भी कर चूका है.

चौकाने वाली बात तो ये है कि पिछले 15 दोनों में गुलदार 3 लोगों की जान ले चूका है, धर्मपाल की मौत से इलाके में हड़कंप मच गया है सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण इकट्ठा होकर नेशनल हाईवे पर पहुंच गए और वन विभाग के खिलाफ नाराजगी जताते हुए हाईवे पर जाम लगा दिया, गुलदार की तलाश के लिए वन विभाग की एक्सपर्ट टीम चार हथनियों के साथ पिछले कई दिन से जंगल में सर्च अभियान चला रही है, लेकिन उसके सारे अभियान फेल हैं और गुलदार लगातार लोगों पर हमला कर उनकी जान ले रहा है, पिछले कुछ दिन पहले गाँव के लोगों ने मांग की थी कि इस गुलदार को नरभक्षी घोषित कर दिया जाए, उसके बाद वन विभाग ने गुलदार को नरभक्षी तो घोषित कर दिया था, हम आपको बता दें, कि किसी जानवर को नरभक्षी तब घोषित किया जाता है, जब वो इंसान का मास खाना शुरू कर दे, उस जानवर को नरभक्षी कहा जाता है, अब गाँव के लोगों की एक ही मांग है, कि जल्द से जल्द इस गुलदार को मार दिया जाए वरना ये और कई लोगों की जान ले लेगा.

वैसे उत्तराखंड में गुलदार के हमले आए-दिन होते रहते है, क्योंकि बताया जाता है कि उत्तराखंड में ही 2500 से ज्यादा गुलदार मौजूद हैं. जंगल और पहाड़ी इलाका होने कि वजह से सबसे ज्यादा गुलदार उत्तराखंड में ही पाए जाते है, और उत्तर प्रदेश का बिजनोर जिला काफी हद तक उत्तराखंड से सटा हुआ है, इसलिए ये गुलदार काफी आसानी से आ जाते है, लेकिन जब भी उत्तराखंड में नरभक्षी गुलदार के मामले सामने आए है, तभी उन्हें सरकार की तरफ से शूटिंग परमिट मिल जाता है, यानी सरकार की तरफ से नेशनल शूटर को भेजकर नरभक्षी गुलदार को शूट कर दिया जाता है, जिससे इलाके में शांति बनी रहे.

बिजनौर जिले के गाव में हथिनियां मंगाकर वन विभाग भी गुलदार को ढूंढने निकला हुआ है लेकिन सफलता सिर्फ जीरो हैं, अगर नरभक्षी गुलदार से निजात चाहिए तो वन विभाग के अफसरों को शूटिंग परमिट जारी करना होगा, ताकि नरभक्षी गुलदार को मारा जा सकें, यह बात नेशनल शूटर अली अदनान ने कहीं, वह रायफल एसोसिएशन के सह सचिव खान जफर सुल्तान के साथ बुधवार को नरभक्षी गुलदार के सिलसिले में डीएम उमेश मिश्रा और DFO अरुण कुमार सिंह से भी मिले.

उन्होंने डीएम से भी कहा नरभक्षी को मारना ही गुलदार की समस्या का हल है, वरना ये और कई लोगों की जान ले लेगा, अब देखना होगा क्या नरभक्षी गुलदार को शूटिंग परमिट जारी होता है या नहीं?

लेखक: इमरान अंसारी

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