नई दिल्ली/डेस्क: इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने से जुड़े केस में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. SBI ने कोर्ट से कहा- बॉन्ड से जुड़ी जानकारी देने में हमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन इसके लिए कुछ समय चाहिए. इस पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा कि अब तक आपने क्या किया?
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने 15 फरवरी को इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री पर रोक लगा दी थी. साथ ही SBI को 12 अप्रैल 2019 से अब तक खरीदे गए इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी 6 मार्च तक इलेक्शन कमीशन को देने का निर्देश दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने SBI से पूछा कि इतने दिनों में क्या किया गया है?
कोर्ट में एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की एक अलग याचिका पर भी सुनवाई होगी. ADR ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन नहीं करने के लिए SBI के खिलाफ अवमाना की कार्रवाई की मांग की है.
इससे पहले SBI के खिलाफ ADR की तरफ से एडवोकेट प्रशांत भूषण सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. उन्होंने कोर्ट में कहा था कि चुनावी चंदे वाले हर बॉन्ड को SBI देने वाले के नाम और KYC डिटेल के साथ रजिस्टर करती है. फिर जब कोई पार्टी उस बॉन्ड को जमा कराती है तो SBI बॉन्ड नंबर की जांच करती है. उन्होंने कहा था कि SBI ये आश्वस्त करती है कि ये बॉन्ड पिछले 15 दिनों में खरीदा गया था या नहीं. और इस सब के बाद भी डाटा जमा करने के लिए SBI को 140 दिनों की मोहलत चाहिए!
उनके तर्क सुनकर CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि आपकी बात में दम है. यही कहकर वो SBI के खिलाफ कोर्ट की अवमानना पर सुनवाई करने राजी हुए.
लेखक: इमरान अंसारी