बांग्लादेश में सड़कों पर उतरे हिंदू, इन आठ मांगो को लेकर कर रहे विरोध प्रदर्शन

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बांग्लादेश में सड़कों पर उतरे हिंदू, इन आठ मांगो को लेकर कर रहे विरोध प्रदर्शन

नई दिल्ली। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों द्वारा आठ सूत्री मांगों को लेकर चटगांव के ऐतिहासिक लालदिघी मैदान में एक विशाल रैली का आयोजन किया गया है. प्रदर्शन रैली का मकसद अंतरिम सरकार द्वारा देश में हिन्दू सहित अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों और सुरक्षा सुनिश्चित करना है. शुक्रवार( 26 अक्टूबर) को चटगांव में सनातन जागरण मंच  द्वारा विशाल रैली का आयोजन किया गया है.

मांगे पूरा होने तक चलेगा प्रदर्शन

लालदिघी मैदान में हिंदू कार्यकर्ताओं के समूह ने बताया कि बांग्लादेश की वर्तमान मोहम्मद यूनुस सरकार से उनकी अपील है कि वो देश के हिन्दू सहित अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों और सुरक्षा सुनिश्चित करें. वहीं विशाल रैली को लेकर हिंदू कार्यकर्ताओं ने दावा किया है कि वे अपना सामूहिक प्रदर्शन तब तक नहीं रुकेंगे जब तक कि अंतरिम सरकार उनकी आठ मांगो को पूरा नहीं कर देती.

क्या है हिंदुओं की मांग

  • अल्पसंख्यकों के विरुद्ध अपराधों में शामिल लोगों पर शीघ्र मुकदमा चलाने के लिए न्यायाधिकरण का गठन
  • पीड़ितों को उचित मुआवजा और उनका पुनर्वास सुनिश्चित हो
  • अल्पसंख्यक सुरक्षा कानून तुरंत लागू हो
  • अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का गठन हो
  • एजुकेशनल संस्थाओं और हॉस्टल में अल्पसंख्यकों के लिए प्रार्थना रूम या पूजा स्थल का निर्माण किया जाए
  • हिंदू, बौद्ध और ईसाई कल्याण ट्रस्टों को फाउंडेशन के स्तर पर उपग्रेड किया जाना चाहिए.
  • प्रॉपर्टी वापस हासिल करने, उनकी सुरक्षा और कब्जे में ली गई प्रॉपर्टी के ट्रांसफर से जुड़े कानूनों को सही तरीके से लागू किया जाना चाहिए

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टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार विरोध प्रदर्शन कर रहें हिंदूओं ने यह भी मांग की है कि स्थापित संस्कृत और पाली शिक्षा बोर्ड का आधुनिकीकरण किया जाए और दुर्गा पूजा के लिए 5 दिन की छुट्टी की घोषणा की जाए.

बांग्लादेश में दो दिवसीय दुर्गा पूजा अवकाश

ज्ञात हो कि गुरुवार को बांग्लादेश के पर्यावरण मंत्री सैयद रिजवान हसन ने एक बयान जारी कर कहा कि उन्होंने हिंदू समुदाय की मांगों को सुना है और आश्वासन के तौर पर इतिहास में पहली बार बांग्लादेश में दो दिवसीय दुर्गा पूजा अवकाश लागू किया है। हिन्दुओं का यह विरोध प्रदर्शन 5 अगस्त को शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद से यह सबसे बड़े प्रदर्शन में से एक है। अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा के आश्वासन के बावजूद, अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से अल्पसंख्यकों के खिलाफ बर्बरता, लूटपाट, शारीरिक नुकसान जैसे अपराध बढ़ गए हैं।