नई दिल्ली/डेस्क: बीते कुछ दशकों को देखें तो दुनिया काफी आगे निकल चुकी है. हालांकि कुछ ऐसे भी देश हैं जो राजनीतिक संकट से नहीं उबर पा रहे हैं. एक तरफ कई देश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बात कर रहे हैं तो कुछ देश अभी भी राजनीतिक अस्थिरता के दलदल में फंसे हैं. एक ऐसा ही देश है नाइजर, जो अफ्रीका में बसा है. नाइजर 1960 में फ्रांस से अलग हुआ था. इस देश में 1960 से लेकर अभी तक 4 बार तख्तापलट हो चुका है. नाइजर में आतंकवाद एक अहम मुद्दा है. इस देश में अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट ने अपने पैर जमा रखे हैं.
सेना ने तख्तापलट का किया ऐलान
नाइजर में एक बार फिर सेना ने तख्तापलट का ऐलान कर दिया है. एक वीडियो जारी कर कर्नल-मेजर अमादौ अब्द्रमाने ने कहा कि राष्ट्रपति मोहम्मद बज़ौम को तत्काल प्रभाव से उनके पद से हटाया जाता है. तख्तापलट के पीछे कर्नल-मेजर ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा चरमरा गई है. हालात को काबू में लाने के लिए यह एक जरूरी कदम है. वीडियो के जरिए देश के अधिकतर संस्थानों को बैन कर दिया गया और सीमाओं को भी बंद कर दिया गया. बता दें कि मोहम्मद बज़ौम को 2021 में लोकतांत्रिक तरीके से नाइजर का राष्ट्रपति चुना गया था.
अमेरिका ने की रिहाई की मांग
बज़ौम को फ्रांस और अमेरिका का करीबी कहा जाता है. जैसे ही नाइजर के सेना ने यह वीडियो रिलीज किया, पूरी दुनिया में तहलका सा मच गया. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बज़ौम की रिहाई की मांग की. उन्होंने कहा कि अमेरिका लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए राष्ट्रपति का समर्थन करता है और उनकी रिहाई की मांग करता है. सूत्रों की मानें तो राष्ट्रपति बज़ौम ने कुछ दिनों पहले सेना पर विरोधी दलों को समर्थन देने का आरोप लगाया था. इस बात से नाराज सेना ने राष्ट्रपति बज़ौम को उनके पद से हटाने का फैसला लिया.
लेखक: आदित्य झा