उमर नेतृत्व वाली कैबिनेट ने पहली बैठक में लिया ये बड़ा फैसला! केंद्र सरकार के सामने रख दी ये मांग

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गुरुवार को उमर अब्दुल्ला की नेतृत्व वाली सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (एनडीए) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा पुनः बहाल करने की अपील की गई है। इस बैठक में उपमुख्मंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी, मंत्री सकीना इटू, जावेद अहमाद राणा, जावेद अहमद डार और सतीश शर्मा शामिल हुए थे.

बता दें कि सीएम उमर अब्दुल्ला पहले (विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान) भी कह चुके हैं कि वे विधानसभा के पहले सत्र में ही जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य बनाने का प्रस्ताव कराना चाहते हैं. मुख्यमंत्री बनने से पहले उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि उनकी सरकार का पहला कार्य जनता की आवाज बनना होगा. उन्होंने उम्मीद जताई थी कि जम्मू-कश्मीर जल्द ही एक बार फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त करेगा.

नेशनल कांफ्रेंस ने तैयार किया प्रस्ताव का मसौदा

जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनावों में 42 सीटें जीतकर सरकार बनाने वाली नेशनल कांफ्रेंस ने इस प्रस्ताव का मसौदा तैयार किया है. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला जल्द ही नई दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस प्रस्ताव का मसौदा सौंपने की उम्मीद है.

उमर कैबिनेट के फैसले का पीडीपी ने किया विरोध

पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के विधायक वहीद पारा ने इस कैबिनेट के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए X पर लिखा, “उमर अब्दुल्ला का राज्य के दर्जे का पहला प्रस्ताव 5 अगस्त, 2019 के फैसले का सुधार मात्र है. अनुच्छेद 370 पर कोई प्रस्ताव नहीं और राज्य के दर्जे तक सीमित मांग करना एक बड़ा झटका है, खासकर तब जब अनुच्छेद 370 की बहाली के वादे पर वोट मांगे गए थे.”

सुप्रीम कोर्ट में भी उठ चुकी है राज्य का दर्जा बहाली की मांग

गुरुवार को जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका पर समयबद्ध सुनवाई की मांग की गई. मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की बेंच के सामने वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने यह मांग की, जिस पर कोर्ट ने सहमति जताई है.

सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही दे दी थी बहाली की सलाह

इससे पहले 11 दिसंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से अनुच्छेद 370 के 5 अगस्त 2019 को निरस्त करने को सही ठहराया था. इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा था कि विधानसभा चुनाव सितंबर 2024 तक कराए जाएं और राज्य का दर्जा “जल्द से जल्द” बहाल किया जाए.