ED will return 12 crore to the victims: प्रवर्तन निदेशालय (ED) अब उन घोटालों के पीड़ितों को उनकी जमा की गई रकम लौटाने की तैयारी कर रही है, जिन्होंने इन घोटालों के कारण भारी वित्तीय नुकसान उठाया था। इस प्रक्रिया की शुरुआत कोलकाता से की जाएगी, जहां 12 करोड़ रुपये वितरित किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि ED की ओर से जब्त की गई संपत्तियों का उपयोग पीड़ितों की मदद के लिए किया जाएगा, और इसके लिए कानूनी रास्ता ढूंढा जा रहा है। इस सिलसिले में हाल ही में कई महत्वपूर्ण फैसले हुए हैं।
कोलकाता में रकम की वापसी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्रीय एजेंसी कोलकाता की रोज वैली ग्रुप ऑफ कंपनीज की अटैच की गई 11.99 करोड़ रुपये की FD को 22 लाख पीड़ितों में बांटेगी। ये एफडीज उन निवेशकों की हैं जिन्होंने आरोपी कंपनियों द्वारा भारी रिटर्न का वादा किए जाने के बाद पैसा जमा किया था। 24 जुलाई को PMLA कोर्ट ने ED को 14 अटैच FDs को एसेट डिस्पोजल कमेटी (ADC) में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था।
प्रधानमंत्री मोदी की पहल
मई में इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वह ED की जब्त की गई रकम को गरीबों में बांटने की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि अगर कानूनी बदलाव की आवश्यकता पड़ी, तो वह करेंगे। पीएम मोदी ने कहा, “मैं इसपर काफी काम कर रहा हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि इन लोगों ने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया है और गरीबों का रुपया लूटा है, जिसे उन्हें वापस मिलना चाहिए।”
कानूनी प्रगति और कोर्ट के आदेश
खबरों के अनुसार, कोलकाता कोर्ट और ED को PMLA की धारा 8 (8) के तहत पीड़ितों को रकम लौटाने का रास्ता मिल गया है। इस धारा के तहत, ED की तरफ से जब्त की गई संपत्तियां उन दावेदारों को वापस की जा सकती हैं जिन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग अपराध के चलते नुकसान उठाया है। इसके लिए, ED को पंचनामा तैयार करना होगा, जिसे ट्रायल के दौरान उपयोग किया जाएगा।
हाई कोर्ट का आदेश और भविष्य की योजना
कलकत्ता हाई कोर्ट ने ADC गठित करने का आदेश दिया है, जिसकी अगुवाई पूर्व जज जस्टिस दिलीप कुमार सेठ करेंगे। इस कमेटी का उद्देश्य आरोपी कंपनियों की संपत्तियों की बिक्री और प्राप्त रकम को एक अलग खाते में जमा करना होगा।
आरोपियों के बरी होने की स्थिति
स्पेशल कोर्ट के जज ने यह भी ध्यान में रखा है कि यदि ट्रायल के बाद आरोपी बरी हो जाते हैं, तो भी पीड़ितों को उनकी जमा की गई रकम वापस मिलेगी। इस स्थिति में, निवेशकों की राशि लौटाई जाएगी, भले ही ट्रायल का परिणाम कुछ भी हो।
इस योजना के माध्यम से, सरकार और ED ने घोटाले के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जो आर्थिक रूप से नुकसान उठाने वालों के लिए राहत प्रदान करेगा।