‘Karnataka Land Scam से राहुल गांधी को हुआ फायदा’, खड़गे की जमीन वापसी पर बीजेपी नेताओं ने उठाए सवाल

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Karnataka Land Scam

Karnataka Land Scam: BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने सोमवार (14 अक्टूबर) को आरोप लगाया कि राहुल गांधी को कर्नाटक में भ्रष्टाचार से फायदा हुआ है. बता दें कि उनका यह बयान तब सामने आया है जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के परिवार ने उनके बेटे राहुल खड़गे द्वारा चलाए जा रहे एक ट्रस्ट को आवंटित पांच एकड़ जमीन वापस करने का फैसला लिया है.

राहुल गांधी कर्नाटक में हो रहे भ्रष्टाचार के लाभार्थी

उन्होंने कहा, “कर्नाटक कांग्रेस सरकार केवल भ्रष्टाचार, गरीबों से जमीन (Karnataka Land Scam) छीनने और अपने परिवार के सदस्यों की तिजोरियां भरने पर ध्यान देती है. मल्लिकार्जुन खड़गे और सिद्धारमैया दोनों ही राहुल गांधी को अपना गुरु मानते हैं. तो क्या राहुल गांधी उन दोनों के लिए भ्रष्टाचार के गुरु थे? यह साबित हो चुका है कि कर्नाटक कांग्रेस सरकार अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार है और राहुल गांधी कर्नाटक में हो रहे भ्रष्टाचार के लाभार्थी हैं.”

मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने पद का किया दुरुपयोग

भंडारी ने कहा, “मल्लिकार्जुन खड़गे ने स्वीकार किया है कि उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को कथित लाभ पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया. यह साबित हो चुका है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने परिवार के सदस्यों को लाभ पहुंचाने के लिए MUDA घोटाले में जिस तरीके का इस्तेमाल किया है, वह KIADB भूमि मामले में मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा अपनाए गए तरीके के समान है.”

भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने भी साधा निशाना

इस बीच, “भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने मल्लिकार्जुन खड़गे के परिवार द्वारा उनके बेटे राहुल खड़गे द्वारा संचालित ट्रस्ट को आवंटित पांच एकड़ जमीन वापस करने के फैसले को संभावित धोखाधड़ी का संकेत बताया और मामले की जांच की मांग की.”

होनी चाहिए मामले की जांच

खंडेलवाल ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा, “इससे साफ पता चलता है कि आवंटित की गई जमीन में कुछ धोखाधड़ी हुई थी और धोखाधड़ी सामने आने के बाद वे जमीन वापस कर रहे हैं. यह एक बड़ा सवाल खड़ा करता है और मामले की जांच होनी चाहिए.”

BJP सांसद जगदीश शेट्टार ने भी उठाया सवाल

BJP के सांसद जगदीश शेट्टार ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के परिवार द्वारा उनके बेटे राहुल खड़गे द्वारा संचालित ट्रस्ट को आवंटित पांच एकड़ जमीन लौटाने के समय पर सवाल उठाया और अचानक उठाए गए इस कदम के लिए स्पष्टीकरण मांगा. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि खड़गे परिवार अब कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएडीबी) को जमीन क्यों लौटाना चाहता है.

अब क्यों वापस करना चाहते हैं जमीन?

ANI से बात करते हुए शेट्टार ने कहा, “जब मल्लिकार्जुन खड़गे के सिद्धार्थ ट्रस्ट पर आरोप लगे, तो वह केआईएडीबी को जमीन वापस करना चाहते हैं। अब वे इसे क्यों वापस करना चाहते हैं, इसका जवाब उन्हें देना होगा. मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रियांक खड़गे जैसे जननेता सरकारी जमीन क्यों लेना चाहते हैं? जब जांच ने उनके खिलाफ सार्वजनिक बहस को उकसाया, तो वे जमीन वापस कर रहे हैं.”

भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने भी साधा निशाना

इससे पहले आज, “भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस नेता अदालत द्वारा अपमान से बचने के लिए जमीन वापस करने की पेशकश कर रहे थे. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा संचालित ट्रस्ट पर आपत्ति जताए जाने के बाद आवंटित भूमि को वापस करने का निर्णय स्पष्ट रूप से साबित करता है कि कर्नाटक में सत्ता का दुरुपयोग कर जमीन हड़पने का काम अपने उच्चतम स्तर पर चल रहा था.”

पूरा कांग्रेस जमीन हड़पने के आंदोलन में शामिल

उ्होंने कहा, “2015 में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार पर जमीन हड़पने का मामला दर्ज किया गया था. कर्नाटक के सीएम MUDA घोटाले में शामिल थे। मल्लिकार्जुन खड़गे के परिवार के सदस्य KIADB जमीन हड़पने के मामले में शामिल थे. चाहे वह सीएम हो, उपमुख्यमंत्री हो या राष्ट्रीय अध्यक्ष हो. कांग्रेस का पूरा शीर्ष नेतृत्व जमीन हड़पने के आंदोलन में समान रूप से शामिल है.”

“आज कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और मल्लिकार्जुन खड़गे जमीन घोटाले से जुड़े भूखंडों को वापस करने की पेशकश कर रहे हैं. ऐसा इसलिए नहीं है कि उनकी अंतरात्मा जाग गई है. वे अदालती कार्यवाही के अपमान से बचने के लिए जमीन लौटा रहे हैं.”

क्यों हो रहा है विवाद? जानें

हाल ही में, जब ED ने कर्नाटक के CM सिद्धारमैया के खिलाफ कथित MUDA भूमि आवंटन घोटाले से जुड़े एक मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया, तो उनकी पत्नी ने MUDA आयुक्त को पत्र लिखकर प्राधिकरण द्वारा उन्हें आवंटित किए गए 14 भूखंडों को वापस करने की पेशकश की.

मैसूर लोकायुक्त ने 27 सितंबर को एफआईआर दर्ज करने के अदालती आदेश के बाद मामले की आधिकारिक तौर पर जांच और जांच शुरू की. लोकायुक्त को MUDA द्वारा सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को 56 करोड़ रुपये की 14 साइटों के आवंटन में अवैधता के आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया गया था. आरोप है कि MUDA ने मैसूर शहर के प्रमुख स्थान पर सिद्धारमैया की पत्नी को अवैध रूप से 14 साइटें आवंटित कीं.

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