मथुरा/उत्तर प्रदेश: इसरो ने चंद्रयान-3 को चांद के दक्षिण ध्रुव पर सहजता से लैंड करवाकर दुनियाभर में इतिहास रच दया है। इसके साथ ही भारत ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन चुका है। इसी का जश्न मनाने और इसरो का शुक्रिया अदा करने के लिए इसबार की श्रीकृष्ण जन्माष्टी चंद्रयान-3 के नाम होगी।
भारत के साथ-साथ भगवान श्रीकृष्ण जन्म स्थान भी उसकी सफलता को मनाने वाला है। जिसको लेकर देशभर में कृष्णभक्त भगवान के जन्मोत्सव को लेकर खासी तैयारी में हैं। कृष्ण जन्मभूमि के सचिव कपिल शर्मा द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि इस बार श्री कृष्ण भगवान चंद्रयान की खुशी को जाहिर करते हुए भक्तों को दर्शन देने वाले हैं।
इस बार भगवान के लिए, जो पुष्प बंगला बनाया जा रहा है। उस बंगले का नाम इसरो के वैज्ञानिक एस सोमनाथ के नाम पर सोमनाथ पुष्प रखा गया है। जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण इसी बंगले में विराजमान होंगे।
वहीं, प्रज्ञान प्रभास पोशाक धारण करेंगे और मोरछल पर विराजमान होकर अभिषेक स्थल पर पधारेंगे। जहां कमल रजत पुष्प में श्री कृष्ण का प्राकट्य होगा।
कब होंगे ठाकुर जी के दर्शन?
इस बार जो भी भक्त मथुरा जाकर ठाकुर जी के दर्शन करने की सोच रहे हैं। उनके लिए दर्शन का समय जानना बहुत जरूरी है। जन्माष्टमी के दिन सुबह करीब 5:15 बजे भगवान की मंगला आरती के साथ ही ठाकुर जी के दर्शन श्रद्धालु कर सकते हैं। इसके साथ ही रात्रि 1:30 बजे तक आप निरंतर भगवान के दर्शन कर सकते हैं।