नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली दंगों के आरोपी शरजील इमाम को अपने स्तर पर जमानत देने से मना कर दिया और दिल्ली हाई कोर्ट को उनकी जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई करने का निर्देश दिया. जस्टिस बेला त्रिवेदी और एससी शर्मा की बेंच ने कहा कि इस याचिका पर उचित रूप से हाई कोर्ट में सुनवाई होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को निर्देश दिया कि वह 25 नवंबर को प्रस्तावित सुनवाई की तारीख पर याचिकाकर्ता के अनुरोध का विचार करें.
सुप्रीम कोर्ट ने क्यों नहीं दी जमानत?
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने अनुच्छेद 32 के तहत दायर की गई रिट याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि संविधान के इस प्रावधान के तहत सीधा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करना उचित नहीं है. पीठ ने कहा, “याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट में जल्द सुनवाई का अनुरोध करने की स्वतंत्रता होगी, और हाई कोर्ट 25 नवंबर को इस पर विचार करेगा.”
शरजील की वकील ने कोर्ट से क्या कहा?
सुनवाई के दौरान शरजील इमाम के वकील सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे ने कोर्ट को बताया कि जमानत याचिका अप्रैल 2022 से दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित है. वकील ने यह भी कहा कि पिछले दो सालों में कई बार सुनवाई स्थगित हुई है, लेकिन वे फिलहाल जमानत के लिए दबाव नहीं डाल रहे. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता के वकील 25 नवंबर को हाई कोर्ट में तेज सुनवाई का अनुरोध करें.
शरजील इमाम का मामला क्या है?
शरजील इमाम पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के बाद 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों के लिए साजिश रचने का आरोप है. उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता (IPC) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था.
बता दें कि इमाम को जनवरी 2020 में हिरासत में लिया गया था, और तब से उनके खिलाफ मुकदमा जारी है. इमाम ने पहले ट्रायल कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था. इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट का रुख किया, लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी कोई निर्णय नहीं हुआ है.
इस मामले में फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने शरजील इमाम को सीधे जमानत देने से मना कर दिया है, लेकिन हाई कोर्ट को मामले की तेजी से सुनवाई करने का निर्देश देकर इमाम को राहत पहुंचाई है.