नई दिल्ली। शीर्ष अदालत(Supreme Court) ने मंगलवार (24 सितंबर) को मेडिकल कॉलेजों में दाखिलों के लिए Non-Resident Indian (NRI) कोटा को फ्रॉड बताते हुए सिफारिश की, कि यह धोखाधड़ी बंद होनी चाहिए। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं को भी खारिज कर दिया।
Supreme Court ने की सभी तीन याचिकाएं खारिज
मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने सरकार द्वारा संशोधित शर्तों को ‘धोखाधड़ी’ करार दिया और कहा कि हमें अब इस NRI कोटा व्यवसाय को रोकना चाहिए । यह पूरी तरह से धोखाधड़ी है, हमें धोखाधड़ी को खत्म करना होगा। हम अपनी शिक्षा प्रणाली के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं। न्यायाधीश जानते हैं कि वे किससे निपट रहे हैं। उच्च न्यायालय का आदेश बिल्कुल सही है। मामले में दलीलें सुनने के बाद, सर्वोच्च न्यायालय ने सभी तीन याचिकाएँ खारिज कर दी।
क्या है पूरा मामला
ज्ञात हो कि शीर्ष अदालत(Supreme Court) पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के 11 सितंबर के उस आदेश के खिलाफ तीन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसके तहत उसने पंजाब सरकार की 20 अगस्त की अधिसूचना को रद्द कर दिया था। उच्च न्यायालय ने राज्य के मेडिकल कॉलेजों में MBBS पाठ्यक्रमों के लिए एनआरआई कोटा प्रवेश की शर्तों में संशोधन करने वाली अधिसूचना को इस आधार पर रद्द कर दिया था कि कोटे का विस्तार तर्कसंगत रूप से अनुचित था।
– गौतम कुमार