जालौर जिले के राजकीय सावित्रीबाई फुले कॉलेज का सच

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जालौर/ राजस्थान: राजस्थान का जालौर जिला किसी जिले या फिर किसी राज्य से छुपा हुआ नहीं है, ऐसे में बड़े अधिकारी की ऐसी हरकतें सामने आई हैं जिसके बाद जालौर जिले का क्या होगा यह तो वक्त ही बताएगा।

दरअसल जालौर जिला मुख्यालय पर राजकीय सावित्री बाई फूले महाविद्यालय स्तरीया कन्या छात्रावास में एक नया खुलासा हुआ है, यहां छात्राओं का एक व्हाट्सएप ग्रुप बना हुआ है जिसमें एडमिन और कोई नहीं बल्कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक सुभाषचंद्र मणि हैं, बाकी ग्रुप की चार एडमिन और महाविद्यालय की चार छात्राएं हैं, जिनमें से दो छात्राएं बाहरी हैं, इन दो छात्राओं का हॉस्टल में विधिवत स्थायी प्रवेश तक नहीं है।

एक दिन पहले ही पांच लड़कियों का हॉस्टल में अनाधिकृत रूप से रहने का मुद्दा भी सामने आया है जिसके बाद जालौर का यह हॉस्टल खूब चर्चा में है। सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात तो यह है कि जो ग्रुप बनाया गया है उसमें छात्रावास की वार्डन तक नहीं है।

पुरुष अधिकारी का प्रवेश है वर्जित, लेकिन पुरुष अधिकारी ही है ग्रुप एडमिन

हॉस्टल में शाम 6 बजे के बाद आपात स्थिति को छोड़कर कोई भी पुरुष अधिकारी हॉस्टल में प्रवेश नहीं ले सकता, लेकिन यहां तो एक अधिकारी ही ग्रुप एडमिन बनकर बैठा हुआ है, ऐसे में अब यह व्हाट्सएप ग्रुप विवादों में आ गया है।

6 जून को सामाजिक न्याय अधिकारी विभाग ने एक आदेश जारी कर सभी समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को यह आदेश दिया था कि सभी हॉस्टलों में तत्काल महिला वार्डन लगाना अनिवार्य है।

लेकिन जालौर जिले में सामाजिक न्याय अधिकारी विभाग के द्वारा संचालित हो रहे 5 में से 4 महिला छात्रावासों के वार्डन पुरुष लगे हुए हैं, केवल कॉलेज स्तरीय छात्रावास में ही महिला वार्डन लगी हुई है। अब देखने वाली बात यह है कि क्या इस छात्रावास में व्यवस्थाएं सुधर पाएग।

जालौर, राजस्थान

रिपोर्टर : सुरेश धवल

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