Uttar Pradesh News: CM योगी ने की एडीजी स्तर के अधिकारियों के साथ विशेष बैठक, हर इकाई के कार्यों की समीक्षा की

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Uttar Pradesh News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस कार्मिकों को ‘ई-पेंशन’ से जोड़ने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर पुलिस कार्मिक को समय पर पदोन्नति मिले, उनकी चरित्र पंजिका पर सही विवरण अंकित हो, उनकी योग्यता और प्रतिभा के अनुरूप पदस्थापना मिले और सेवानिवृत्ति के समय देयकों का भुगतान समय से हो, यह प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने पुलिस कार्मिकों को आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराने और बेहतरीन प्रशिक्षण के लिए व्यवस्थाओं को और बेहतर करने के भी निर्देश दिए हैं।

CM योगी ने की एडीजी स्तर के अधिकारियों के साथ विशेष बैठक

शुक्रवार को अपर पुलिस महानिदेशक स्तर के सभी अधिकारियों के साथ विशेष बैठक में मुख्यमंत्री ने एक-एक कर सभी एडीजी से उनकी वर्तमान पदस्थापना अवधि में किये गए कार्यों, अपनाए गए नवाचारों और उपलब्धियों के बारे में जानकारी ली।

विशेष बैठक में सीएम द्वारा दिए गए प्रमुख दिशा निर्देश-

● पुलिस की सभी इकाइयों के बीच बेहतर संवाद और समन्वय होना चाहिए। लॉजिस्टिक इकाई हो, अभिसूचना इकाई हो अथवा, एसआईटी, क्राइम, पीआरवी 112 आदि, इकाइयाँ भले ही अलग-अलग हैं, लेकिन सभी का लक्ष्य एक ही है, प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था बनाये रखना। इसलिए सभी के बीच बेहतर तालमेल होना आवश्यक है।

● वरिष्ठ अधिकारी समय पर कार्यालय आएं। किसी भी कार्यालय में कोई फाइल तीन दिन से अधिक लंबित न हो। यदि किसी तरह की समस्या हो तो डीजीपी कार्यालय, गृह विभाग अथवा सीधे मुझसे समय लेकर मिल सकते हैं, लेकिन अनिर्णय की स्थिति न होनी चाहिए। फाइल लंबित नहीं रहनी चाहिए।

● बहुत सारी इकाइयों में फील्ड विजिट बढ़ाये जाने की आवश्यकता है। एडीजी स्तर के अधिकारी के जिलों में जाने से अच्छा अधीनस्थ पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। जिलों में जाएं अपनी इकाई से जुड़े कामकाज की समीक्षा करें, जहां सुधार की आवश्यकता हो, उस अनुरूप काम किया जाए।

पुलिस बल में लॉजिस्टिक्स का न हो अभाव

● पुलिस बल में लॉजिस्टिक्स का अभाव न हो। समय-समय पर इसकी समीक्षा करते रहें। हमारा पुलिस बल आधुनिक उपकरणों से लैस होनी चाहिए। अभी 40 अश्वों की आवश्यकता और है, कुंभ में इसकी आवश्यकता पड़ेगी। इनकी क्रय और प्रशिक्षण की प्रक्रिया यथाशीघ्र पूरी की जाए। प्रदेश में पहली बार होने जा रही कंडम वीपन्स के निस्तारण की प्रक्रिया को सावधानी से पूरा किया जाए।

● बदलते समय के साथ साइबर क्राइम की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। हमें इसके लिए हर स्तर पर सतर्क होना होगा। साइबर फ्रॉड के संबंध में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। शिक्षक, उद्यमियों, व्यापारियों, चिकित्सकों सहित अलग-अलग वर्गों के साथ समय-समय पर गोष्ठियां की जाए, लोगों को साइबर अपराध की घटनाओं से अवगत कराएं, सुरक्षा के तौर-तरीकों से अवगत कराएं।

साइबर क्राइम थाने स्थापित

● सभी जिलों में साइबर क्राइम थाने स्थापित किये जा रहे हैं। इनके भवन निर्माण की कार्यवाही में अनावश्यक देर न की जाए। आवश्यकतानुसार मानव संसाधन की व्यवस्था करें। भारत सरकार द्वारा साइबर फॉरेंसिक लैब की स्थापना का प्रस्ताव है। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करें। हर जिले के हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क क्रियाशील रखें। किसी भी तरह की शिकायत मिलने पर तत्काल रिस्पॉन्स होना चाहिए। फ़ॉरेंसिक इंस्टिट्यूट, लखनऊ को साधन-संपन्न बनाने के लिये सरकार हर आवश्यक सहयोग देगी। इसके निर्माण संबंधी अवशेष कार्यों को यथाशीघ्र पूरा कराएं।

● देश की आपराधिक न्याय प्रणाली में लागू तीनों नए कानून अब पूरी तरह अमल में आ चुके हैं। इस संबंध में विधिवत प्रशिक्षण जारी रखा जाए।

ट्रेनों पर पत्थर फेंके जाने की घटनाएं

● हाल के दिनों में रेलवे ट्रैक पर सिलेंडर, रॉड आदि चीजें मिली हैं। इसी तरह ट्रेनों पर पत्थर फेंके जाने की घटनाएं भी हुई हैं। यह चिंताजनक है। इसके लिए जीआरपी, आरपीएफ, रेलवे प्रशासन और सिविल पुलिस को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। लोकल इंटेलिजेंस को और मजबूत किया जाना चाहिए।

● मृतक आश्रितों के प्रकरण में आश्रित की आयु को ध्यान में रखते हुए नियमों में बदलाव पर विचार किया जाना चाहिए। फिजिकल परीक्षण के नियम व्यावहारिक होने चाहिए। मृतक आश्रितों के प्रकरण का तय समय सीमा के भीतर निस्तारित होना सुनिश्चित करें।

पीआरवी 112 के वाहनों की लोकेशनिंग और ठीक किया जाना आवश्यक

● विशेष परिस्थितियों में हमारी PRV 112 ने बेहतरीन परिणाम दिए हैं। आज औसत रिस्पॉन्स टाइम घटकर 7.5 मिनट तक आ गया है। कुछ जिलों में तो 3-5 मिनट में रिस्पांस मिल रहा है। यह संतोषप्रद है, लेकिन तकनीक की सहायता से इसे और कम किया जाना चाहिए। पीआरवी 112 के वाहनों की लोकेशनिंग और ठीक किया जाना आवश्यक है। इसके लिए पुलिस कप्तान के साथ-साथ थानाध्यक्ष तक को जवाबदेह बनाना होगा। सक्रियता और बढ़ाये जाने की जरूरत है। ब्लैक स्पॉट को चिन्हित कर वहां वाहनों की तैनाती करें।

● वीमेन पॉवर लाइन 1090 को और उपयोगी बनाने का प्रयास हो। जिन जिलों से कम फोन कॉल आ रहे हैं, वहां इसके बारे में जागरूकता बढ़ाएं।

हर जिले का लक्ष्य तय करें, पूरी तैयारी करें

● मुकदमों के प्रभावी अभियोजन की दिशा में और बेहतर प्रयास अपेक्षित है। हर जिले का लक्ष्य तय करें, पूरी तैयारी करें और ससमय दोषियों को दंड मिलना सुनिश्चित करायें। समय-समय पर सभी जनपदों में विजिट कर स्थानीय स्थितियों का आकलन भी किया जाना चाहिए।

● कार्मिक और स्थापना इकाई के पास हर अधिकारी के अच्छे कार्यों और गलतियों का पूरा ब्यौरा उपलब्ध होना चाहिए। किसी भी संवर्ग के अधिकारी/कर्मचारी हों, सभी को तय समय पर योग्यता अनुरूप पदोन्नति मिलनी चाहिए।

कमांडो ट्रेनिंग और बेहतर करने की आवश्यकता

● कमांडो ट्रेनिंग और बेहतर करने की आवश्यकता है। ऊर्जावान युवाओं को कमांडो प्रशिक्षण के लिए प्रोत्साहित करें। पुलिस बैंड को और व्यवस्थित करने की जरूरत है। पीएसी फ्लड यूनिट का रिस्पांस टाइम और कम करने का प्रयास करें।

● पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा का परिणाम इस माह के अंत तक जारी करने की तैयारी करें। रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाएं। परीक्षाओं की शुचिता को हर हाल में सुनिश्चित किया जाना है।

नगरों में यातायात जाम एक बड़ी समस्या

● नगरों में यातायात जाम एक बड़ी समस्या का रूप ले रही है। इसके लिए स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप नियोजन समाधान का प्रयास किया जाना चाहिए। स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर कार्ययोजना बनाएं। ई-रिक्शा चलाने वालों का वेरिफिकेशन कराया जाए, सुरक्षा की दृष्टि से यह जरूरी है। कहीं भी नाबालिग ई-रिक्शा न चलाये, यह सुनिश्चित करें। ई-रिक्शा का रूट तय होना चाहिये। यातायात को बाधित कर टैक्सी स्टैंड न चलाया जाए।

● वीआईपी सुरक्षा में तैनात पुलिस बल का नियमित अंतराल पर स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए। इनकी तैनाती में युवाओं को वरीयता दें। वीआईपी सुरक्षा में लगे जवानों के आदर्श आचरण के लिए भी काउंसलिंग कराई जानी चाहिए। वर्तमान में10 एयरपोर्ट की सुरक्षा यूपीएसएसएफ कर रही है। इनके जवानों का शूटिंग परीक्षण भी कराए।

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