नई दिल्ली: WFI चुनाव के बाद बृज भूषण शरण सिंह के करीबी नवनियुक्त WFI अध्यक्ष संजय सिंह की खुशियां ज्यादा दिन नहीं टिक सकी; फेडरेशन के विपक्ष में खड़े खिलाड़ियों के खिलाफ अपनी जीत का जश्न मना रहे संजय सिंह और बृज भूषण सिंह की सारी खुशियों को खेल मंत्रालय ने दरकिनार कर दिया है। क्योंकि खेल मंत्रालय ने संजय सिंह को पूरे निर्वाचित निकाय के साथ तुरंत निलंबित कर दिया।
WFI के नए अध्यक्ष से ना खुश थे पहलवान!
बृज भूषण के समर्थक संजय सिंह को WFI का नया अध्यक्ष चुने जाने के फैसले से नाखुश पहलवानों के साथ, राष्ट्रमंडल स्वर्ण पदक विजेता साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने का फैसला किया था, जबकि ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया ने फैसला बरकरार रहने पर अपना पद्म श्री पुरस्कार छोड़ने का फैसला किया था।
क्या था पहलवानों का विरोध?
बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक उन पहलवानों में से थे, जो पूर्व WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन में बैठे थे। क्योंकि उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था। विरोध प्रदर्शन के बाद दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ मामला भी दर्ज किया। पहलवान चाहते थे कि उन्हें उनके पद से हटा दिया जाए। क्योंकि कई पहलवानों ने शिकायत की थी कि बृज भूषण कई महिला पहलवानों का यौन शोषण कर रहे थे।
पहली बार पहलवान जनवरी में विरोध में बैठे थे और बाद में अप्रैल में विरोध फिर से शुरू किया, जिसमें पहलवानों ने अपने पदक लेने और उन्हें गंगा नदी में प्रवाह करने का फैसला किया था।
हालांकि, इससे पहले कि पहलवान अपने पदक गंगा में प्रवाह कर पाते, राकेश टिकैत ने आकर उन्हें रोक दिया। इस बार भी तमाम कोशिशों के बावजूद सरकार नहीं झुकी; अंततः पहलवानों को हड़ताल समाप्त करनी पड़ी। लेकिन हड़ताल के बाद ऐसा पहली बार है कि पहलवानों की मांगें (संजय सिंह का निलंबन) इतनी जल्दी पूरी की जा रही है।
निलंबन के बाद बोले बृज भूषण
निलंबन की खबर सुनने के बाद बृजभूषण शरण ने मीडिया से कहा, ”सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव हुआ और संस्था का गठन हुआ। अब यह फेडरेशन सदस्यों का फैसला है कि वे बात करना चाहते हैं या नहीं। सरकार या कानूनी कार्रवाई करे। मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा कि संजय सिंह मेरे रिश्तेदार नहीं हैं। नंदिनी नगर में अंडर-15 और अंडर-20 नेशनल आयोजित करने की घोषणा यह सुनिश्चित करने के लिए थी कि खेल आयोजन जल्द से जल्द फिर से शुरू हों। मैंने पहलवानों के लिए 12 साल काम किया है। समय बताएगा कि क्या मैंने न्याय किया है। अब फैसले और सरकार से बातचीत फेडरेशन के चुने हुए लोग करेंगे।”
क्यों किया गया संजय सिंह का निलंबन?
उत्तर प्रदेश के गोंडा में नवनिर्वाचित संस्था ने पहलवानों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिए बिना अंडर-15 और अंडर-20 श्रेणियों के लिए राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं आयोजित करने की घोषणा करने के बाद संजय सिंह और पूरे निर्वाचित बोर्ड को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया गया है। WFI के नियमों के अनुसार, एथलीटों को उनके संबंधित आयोजनों से पहले समय देने के लिए कम से कम 15 दिन पहले सूचना दी जानी चाहिए।