1984 Sikh riots: आज 13 सितंबर को कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ 1984 के सिख विरोधी दंगे मामले में सुनवाई होने वाली है। यह मामला बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें टाइटलर पर हत्या और दंगा करने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। बीते 19 जुलाई को राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनके खिलाफ आरोप तय करने पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था और 30 अगस्त को CBI को आदेश दिया था कि टाइलर के खिलाफ आरोप तय किया जाएं।
CBI का आरोप, भीड़ को सिखों के खिलाफ उकसाया
अदालत ने पाया कि टाइटलर के खिलाफ हत्या, दंगा और हत्या के लिए उकसाने के आरोप में मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत उपलब्ध है। इन धाराओं में अवैध रूप से एकत्र होना, दंगा करना, विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी बढ़ाना और हत्या शामिल है। इसके साथ ही CBI ने एक गवाह के हवाले से आरोप लगाया था कि टाइटलर ने 1 नवंबर 1984 को गुरुद्वारा पुल बंगश के सामने एक सफेद एम्बेसडर कार से बाहर निकालकर भीड़ को सिखों के खिलाफ उकसाया था।
टाइटलर पर तीन लोगों की हत्या का आरोप
आरोप के अनुसार, टाइटलर ने भीड़ से यह कहा था कि सिखों को मार डालो क्योंकि उन्होंने हमारी मां को मार डाला है। इन आरोपों के तहत ही, टाइटलर पर तीन लोगों की हत्या का आरोप लगाया गया है। सुनवाई के समय, अदालत ने टाइटलर को शारीरिक रूप से उपस्थित रहने के आदेश दिया है। बता दें कि अदालत ने टाइटलर को धारा 148 यानी घातक हथियारों से लैस होकर दंगा करना के तहत आरोप मुक्त कर दिया था।
पुल बंगश गुरुद्वारा में आग लगाने से जुड़ा है मामला
बता दें कि यह मामला बादल सिंह, सरदार ठाकुर सिंह और गुरबचन सिंह की जलाकर हत्या करने और 1 नवंबर 1984 को तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के एक दिन बाद पुल बंगश गुरुद्वारा में आग लगाने से जुड़ा हुआ है।
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