प्ले स्कूल में 3 साल की बच्ची के साथ यौन शोषण, हरियाणा महिला आयोग ने पुलिस पर लगाया लापरवाही का आरोप

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नई दिल्ली। हरियाणा महिला आयोग ने गुड़गांव के एक प्ले स्कूल को, परिसर में एक तीन वर्षीय बच्ची के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ की घटना के बाद अगले आदेश तक बंद करने का आदेश दिया गया है. आयोग ने शुक्रवार को कहा कि परिसर में एक तीन वर्षीय बच्ची के साथ कथित तौर पर एक पुरुष कर्मचारी द्वारा छेड़छाड़ की गई थी, जिसके बाद आयोग द्वारा यह कदम उठाया गया.

आज आरोपियों की पहचान उजागर करेगा महिला आयोग

घटना के बाद आरोपों की जांच के लिए शुक्रवार को स्कूल का दौरा करने वाली आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने दावा किया कि आरोपी की पहचान कर ली गई है और उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा, जबकि पुलिस ने कहा कि मामले में दो संदिग्धों से पूछताछ की गई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला है.

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भाटिया ने कहा कि मैंने पुलिस आयुक्त और बाल अधिकार आयोग के प्रमुख को मामले को लेकर सूचित कर दिया है कि जब तक वे जांच में सहयोग नहीं करते, तब तक स्कूल को तुरंत बंद कर दिया जाना चाहिए. हम कल (9 नवंबर) को आधिकारिक आदेश जारी करेंगे. आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा. उन्होंने दावा किया कि घटना के समय आरोपी दूसरी मंजिल पर लड़कियों के शौचालय में था.

अज्ञात लोगों के खिलाफ POCSO का मामला दर्ज  : DCP

वहीं मामले को लेकर DCP (ईस्ट) मयंक गुप्ता ने बताया कि लड़की के माता-पिता की शिकायत के बाद 29 अक्टूबर को अज्ञात लोगों के खिलाफ POCSO का मामला दर्ज किया गया था. लड़की ने एक डिलीवरी बॉय को देखा और बिना बताए कहा कि एक आदमी ने उसे छुआ है. चूंकि बच्ची हमेशा घर या स्कूल में रहती है, इसलिए माता-पिता ने संदेह जताया कि यह कृत्य स्कूल में किया गया होगा. जब उन्होंने CCTV फुटेज की जांच करने के लिए स्कूल से संपर्क किया तो प्रिंसिपल और अधिकारियों ने पुलिस को घटना की जानकारी दी.  

महिला आयोग ने लगाया पुलिस पर लापरवाही का आरोप

इस बीच भाटिया ने पुलिस और प्रिंसिपल पर मामले को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “…हमने पाया कि प्रिंसिपल ने अभिभावकों द्वारा मांगे जाने पर CCTV फुटेज साझा करने के बजाय, खुद ही चार घंटे तक इसकी जांच की. हमें संदेह है कि उन्होंने इसके साथ छेड़छाड़ की है. छुट्टियों के कारण जांच में देरी करने वाले एक पुलिस अधिकारी को लापरवाह पाया गया है. हालांकि डीसीपी ने आरोप से इनकार करते हुए कहा कि उसी दिन एफआईआर दर्ज की गई और 24 घंटे में हमने मेडिकल टेस्ट करवाया और बच्चे को बाल कल्याण (समिति) के सामने भी पेश किया.

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