नई दिल्ली: राजस्थान विधानसभा चुनाव की सभी 199 सीटों के नतीजे घोषित हो गए हैं, जिनमें से भारतीय जनता पार्टी ने 115 सीटों पर जीत हासिल की है। इस चुनाव में बीजेपी ने चार संतों को भी मैदान में उतारा था और सभी ने शानदार जीत दर्ज की है। यानी हिंदुत्व को लेकर बीजेपी ने जो रणनीति बनाई थी वो चुनाव में पूरी तरह कारगर रही।
जीत हासिल करने वाले चार संतों में से एक तिजारा सीट से चुनाव जीतने वाले बाबा बालकनाथ को तो सीएम का दावेदार भी माना जा रहा है। तो आइए जानते हैं उन चार संतों के बारे में जो अब विधायक के तौर पर विधानसभा में नजर आएंगे-
बाबा बालकनाथ (तिजारा)
बाबा बालकनाथ अलवर से सांसद भी हैं। बालकनाथ की तुलना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की जाती है और उन्हें ‘राजस्थान का योगी’ भी कहा जाता है। तिजारा विधानसभा सीट से उन्होंने कांग्रेस के इमरान खान को 6173 वोटों से हराया। बालकनाथ ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अलवर से कांग्रेस के भंवर जितेंद्र सिंह को हराया था। बालकनाथ को बीजेपी का फायर ब्रांड नेता माना जाता है। उनके चुनाव प्रचार में खुद यूपी के सीएम योगी भी शामिल हुए। उन्हें ‘भावी सीएम’ भी बताया जा रहा है। उनके चुनाव लड़ने से तिजारा सीट हॉट सीट बन गई।
बोहर मठ के महंत हैं बाबा बालक नाथ
39 साल के बालकनाथ को ऐसे सीएम दावेदार के तौर पर भी देखा जा रहा है जो बीजेपी के हिंदुत्व एजेंडे में फिट बैठता है। यही वजह है कि चुनाव से पहले जब बीजेपी ने राजस्थान में अपनी इकाई की घोषणा की थी तो उन्हें उपाध्यक्ष बनाया गया था। बालकनाथ नाथ संप्रदाय की सबसे बड़ी पीठ बोहर मठ के महंत हैं, जिसका प्रभाव न केवल राजस्थान में बल्कि हरियाणा में भी है और इस मठ के कई विश्वविद्यालय, कॉलेज, अस्पताल, स्कूल रोहतक में हैं।
हवामहल से बालमुकुन्दाचार्य
जयपुर की हवामहल सीट से बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े बालमुकुंदाचार्य ने कांग्रेस प्रत्याशी आरआर तिवारी को 974 वोटों से हराया। बालमुकुंदाचार्य को जहां 95989 वोट मिले, वहीं कांग्रेस प्रत्याशी को 95015 वोट मिले। हाथोज धाम के संत बालमुकुंदाचार्य जब नामांकन दाखिल करने पहुंचे थे, तो उनके हाथ में हनुमान जी की गदा थी और उनकी तस्वीर वायरल हो गई थी। बालमुकुंदाचार्य अखिल भारतीय संत समाज राजस्थान के प्रमुख हैं।
ओटाराम देवासी (सिरोही)
सिरोही सीट पर ओटाराम देवासी 35805 वोटों से जीत गए हैं। ओटाराम देवासी ने कांग्रेस के संजय लोढ़ा को हराया। ओटराम को जहां 114729 वोट मिले, वहीं संजय लोढ़ा को 78924 वोट मिले। ओटाराम राम देवासी अपने समाज के धार्मिक नेता हैं और उनके लाखों अनुयायी भी हैं। 2005 में उन्हें राज्य पशुपालन कल्याण बोर्ड का संयोजक बनाया गया। इसके अलावा वह 2008 और 2013 में सिरोही से विधायक बने। गोपालन पहले भी बीजेपी सरकार में मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने 2018 का विधानसभा चुनाव तीसरी बार बीजेपी के टिकट पर लड़ा। जिसमें उन्हें निर्दलीय उम्मीदवार से 10 हजार से ज्यादा वोटों से हार मिली थी।
महत प्रताप पुरी (पोकरण)
पोकरण विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी महंत प्रताप पुरी ने 35427 वोटों से प्रचंड जीत हासिल की है। दूसरे स्थान पर कांग्रेस के शाले मोहम्मद रहे, जिन्हें प्रताप पुरी को 112925 वोटों के मुकाबले 77498 वोट मिले। इस सीट पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के देवीलाल 4690 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे।
महत प्रताप पुरी
प्रताप तारातारा मठ के प्रमुख हैं और राजस्थान के बाड़मेर जिले के महाबार गांव के रहने वाले हैं। सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहने वाले प्रताप पुरी सामाजिक एकता पर भाषण देते रहते हैं।