पलक झलकते पानी में समाए बिहार के 5 पुल…, पढ़ें धराशायी ब्रिज की पूरी दास्तां !

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Bihar Bridge Collapse: बिहार में दो हफ्ते से पुलों के गिरने से हाहाकार मचा हुआ है। किशनजंग से लेकर मोतिहारी तक पुल गिरने के सिलसिले से लोग परेशान हैं। ऐसे में अब पुल निर्माण की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठने लगे हैं। लेकिन प्रशासन मौन साधे हुई है जिसने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। आखिर सुशासन बाबू के राज में विकास के पुल क्यों दम तोड़ रहे हैं ?

क्या है पुल गिरने का पूरा मामला

बिहार में एक के बाद 5 पुल गिरने से हाहाकार मचा हुआ है। करीब दो हफ्ते में पुल गिरने की पांचवीं घटना सामने आई है। सबसे पहले बिहार के अररिया में पुल गिरा इसके ठीक चार दिन के अंदर ही सिवान में एक पुल गिर गया। अभी ये मामले सुलझे भी नहीं थे कि इसके अगले दिन मोतिहारी के घोड़ासाहन में एक और पुल जमींदोज हो गया। लोग कुछ समझ पाते तब तक 26 जून को किशनगंज में एक और पुल धराशायी हो गया। लेकिन रोचक तस्वीर सामने आई जब पांचवां ब्रिज बिहार के मधुबनी जिले में धड़ाम हो गया।

बिहार में पुलों का खस्ता हाल से जनता बेहाल

18 जून को सबसे पहले अररिया ज़िले में सिकटी प्रखंड में एक निर्माणाधीन पुल गिरा, ये पुल अररिया के दो ब्लॉक सिकटी और कुर्साकांटा को जोड़ने के लिए बनाया जा रहा था। बारिश से बकरा नदी का जलस्तर बढ़ा और पुल इसका दबाव झेल नहीं पाया और उद्घाटन से पहले ही गिर गया।

23 जून की रात को पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन प्रखंड के अमवा में निर्माणाधीन पुल गिर गया। 1.60 करोड़ की लागत से बन रहा ये पुल अमवा से चैनपुर स्टेशन जाने वाली सड़क पर बन रहा था.. आलम यह था कि शाम को इस पुल के ऊपरी हिस्से की ढलाई हुई और रात होते-होते ये भरभराकर गिर पड़ा।

प्रशासन पर खड़े हो रहे सवाल

अब आपको एक और कहानी बताते हैं किशनगंज ज़िले में मरिया नदी पर बना 13 साल पुराना पुल धंस गया। इस पुल के धंसने से तक़रीबन 15 गांव की आबादी प्रभावित होगी

28 जून को मधुबनी के झंझारपुर अनुमंडल के मधेपुर प्रखंड में भुतही बलान नदी में निर्माणाधीन पुल का गार्डर गिर गया.. 2.98 करोड़ की लागत से बन रहा ये पुल मधेपुर प्रखंड के भेजा कोसी बांध से महपतिया जाने वाली सड़क को जोड़ने के लिए बन रहा था। सबसे दिलचस्प है कि इस मामले में पुल में कस्ट्रक्शन का काम ही मानसून के वक़्त हो रहा था..इस पुल के गिरने के बाद प्रशासन के अधिकारी मौन हैं।

सुशासन बाबू के राज में पुल हो रहा धड़ाम

लगातार गिर रहे पुल बिहार में लचर होती व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े करता है। ऐसे में लोगों के बीच ये असमंजस की स्थिति बन गई है कि विकास के दावे क्या सिर्फ खोखले दावे बन कर रह गए हैं। अब देखना होगा कि बिहार सरकार संज्ञान लेते हुए क्या एक्शन लेती है।

लेखक – आयुष राज