‘मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर पर यूएपीए लगाकर किया बैन, आखिर कौन है मसरत आलम?

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नई दिल्ली/डेस्क: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर में आतंकी और देश विरोधी गतिविधियों का समर्थन करने के आरोप में ‘मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर पर यूएपीए लगाकर बैन लगा दिया है. आरोप है कि यह संगठन अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देता रहा है और देशविरोधी ताकतों को मदद करता रहा है.

जम्मू कश्मीर में मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट) को गैरकानूनी संघ घोषित कर दिया गया है. इसकी घोषणा देश के गृहमंत्री अमित शाह ने एक्स अकाउंट पर पोस्ट करके की. साथ ही उन्होंने इस संघ को लेकर कहा कि ये आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को भड़काते हैं. उन्होंने आगे लिखा कि पीएम नरेंद्र मोदी सरकार का संदेश जोरदार और स्पष्ट है कि राष्ट्र के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा.

आखिर कौन है मसरत आलम?

मसरत आलम का जन्म श्रीनगर के जैंदार मोहल्ला हब्बाकदल में 1971 को हुआ था. यानी जब कश्मीर घाटी में 90 के दशक में हालात खराब हुई थी. तब मसरत अपने 20 वर्ष की उम्र में था और मसरत भी इस विचारधारा से काफी हद तक प्रभावित था और कश्मीर में गन कल्चर का समर्थक था.

1990 से आतंकी गतिविधियों में शामिल मसरत आलम

गिलानी से हाथ मिलाने से पहले ही मसरत आलम आतंक की दुनिया में कदम रख चुका था. वह 1990 के आसपास आतंकी गतिविधियों में सक्रिय हो गया था. मसरत पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन हिजबुल्लाह का स्थानीय कमांडर था, इसी दौरान उसने मुस्लिम लीग नामक अलगाववादी संगठन की स्थापना की थी.

लेखक: इमरान अंसारी