उत्तर प्रदेश: देश में लागू हुए नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ ट्रांसपोर्टर और ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर चले गए हैं. देशभर में ट्रांसपोर्ट यूनियनों नए भारतीय न्याय संहिता के अधिनियम के खिलाफ अपना विरोध जता रहे हैं. उन्होंने कानून को वापस लेने की PM मोदी से मांग की है. चलिए जानते है कौन से नए कानून की वजह से ट्रांसपोर्टर और ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर चले गए हैं.
नया कानून क्या है?
भारतीय न्याय संहिता के तहत हिट-एंड-रन मामले के नए नियम के मुताबिक, अगर कोई आरोपी ड्राइवर सड़क हादसे के बाद अधिकारियों को बिना सूचना दिए दुर्घटना स्थल से भाग जाता है तो उसे 10 साल की जेल की सजा काटनी पड़ेगी. साथ ही साथ जुर्माना भी भुगतना पड़ सकता है. नए कानून को दो भागों में रखा गया है. पहला, ‘लापरवाही से मौत का कारण’, अगर कोई आरोपी ड्राइवर मौत का कारण बनता है तो वह गैर इरादतन हत्या नहीं है. उसे अधिकतम पांच साल की जेल की सजा के साथ-साथ जुर्माना भी भरना पड़ सकता है.
दूसरा, कोई ड्राइवर लापरवाही या असावधानी से गाड़ी चलाकर किसी की मौत का कारण बनता है और भाग जाता है. साथ ही घटना के बाद किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को घटना की रिपोर्ट नहीं करता है, तो उसे जुर्माने के साथ-साथ दस साल तक की जेल का सामना करना पड़ेगा. मौजूदा समय में पहचान के बाद हिट-एंड-रन मामलों के आरोपियों पर धारा 304 ए के तहत मुकदमा चलाया जाता है.
बस अड्डे पर तमाम बस सेवाएं बंद
जिसमें अधिकतम दो साल की जेल की सजा होती है और अब सरकार ने बढ़ाकर 10 साल कर दी है, जिसकी वजह से ट्रांसपोर्टर और ट्रक ड्राइवर हड़ताल बैठ गए है. गाजियाबाद में बस अड्डे पर तमाम बस सेवाएं बंद हैं. तमाम बस और ऑटो चालकों का कहना है कि इस तरह के कानून ड्राइवरों के हित में नहीं है. यात्रियों का कहना है कि हड़ताल होने के बाद पब्लिक बहुत परेशान है और जो ऑटो चालक ऑटो चला रहे हैं वो दुगने पैसों की मांग कर रहे हैं. इस हड़ताल का आम आदमी पर सीधा असर देखने को मिलेगा.
लेखक: इमरान अंसारी