नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में ED यानी प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर हुए हमले के बाद अब सियासत गरमा गई है। इस घटना के बाद तृणमूल कांग्रेस (TMC) विरोधी दलों के निशाने पर है। ये बात यहीं खत्म नहीं हुई। ईडी टीम पर हमले के बाद ईडी की ओर से TMC नेता शाहजहां शेख के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर नोटिस जारी कर दिया गया। वहीं इस मामले पर जब पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी से पूछा गया तो उन्होंने ईडी को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी। चौधरी ने अपने बयान में कहा कि, “ईडी क्या करेगी? ईडी खुद ईडियट है।”
अधीर रंजन यहीं नहीं रुके उन्होंने बंगाल में सत्तारूढ़ दल की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि बंगाल में सत्तारूढ़ दल उसकी देखभाल करेगा। सत्तारूढ़ दल पार्टी में खतरनाक लोगों को बचाने का काम करता है। यह ‘देखभाल करने वाली’ सरकार है, तो लुकआउट सर्कुलर का क्या उपयोग है? सीमाएं छिद्रपूर्ण हैं। उन्हें बड़े दावे नहीं करने चाहिए – चाहे वह भाजपा हो, ईडी या सीबीआई हो। भाजपा रोहिंग्याओं के बारे में चिल्लाती रहती है, लेकिन इतने समय तक वे कहां थे? गृह मंत्रालय कहां था? अब जब मामला सुर्खियों में है, तो उन्होंने ध्रुवीकरण की राजनीति शुरू कर दी है। उन्हें उन लोगों के खिलाफ कुछ करना चाहिए जो उनकी देखभाल कर रहे हैं।”
अधीर रंजन चौधरी के ईडी पर दिए गए बयान के बाद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक्स पर लिखा कि, “अधीर चौधरी ने ईडी को बेवकूफों के नेतृत्व वाला बताया है। ऐसा लगता है कि वह भूल गए हैं कि ईडी निदेशक का चयन तीन लोगों की समिति द्वारा किया जाता है: सीजेआई (रमना), पीएम (मोदी), और लोकसभा में विपक्ष के नेता (अधीर चौधरी)। इस प्रकार अधीर महामूर्ख है।”