चीन के किस ‘सीक्रेट वेपन’ से बढ़ेगी भारत की टेंशन?

Published

नई दिल्ली/डेस्क: भारत से बुरी तरह लताड़ खाने के बाद मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने चीन से ज्यादा से ज्यादा पर्यटक भेजने का अनुरोध किया है, जिससे भारतीयों के बॉयकाट के बाद आए तनाव को कम किया जा सके। चीन के पर्यटकों की बड़ी संख्या ने दुनिया भर के अलग-अलग देशों को बहुत लाभ पहुंचाया है, लेकिन कोरोना के बाद चीन ने यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिए थे। अब चीन फिर से इस पर्यटन उद्योग को बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है और भारतीय पर्यटक इसका समर्थन कर सकते हैं।

मालदीव में भारतीय पर्यटकों की संख्या अभी तक सबसे अधिक है, लेकिन चीन इसमें परिवर्तन ला सकता है। चीन अपने पर्यटकों का इस्तेमाल एक सीक्रेट हथियार के रूप में कर रहा है, खासकर उन देशों के खिलाफ जो चीन का विरोध करते हैं। इससे मालदीव की अर्थव्यवस्था पर आधारित निर्भरता कम हो सकती है, लेकिन भारत के साथ तनाव बढ़ सकता है। चीन के इस सीक्रेट हथियार का उपयोग दक्षिण कोरिया और ताइवान के खिलाफ पहले भी किया गया है, जिससे उन देशों के पर्यटन उद्योग को काफी नुकसान हुआ है।

दुनियाभर में चीन के पर्यटकों का दबदबा

हाल ही में, थाइलैंड ने चीनी पर्यटकों को हमेशा के लिए वीजा मुक्त कर दिया है, इसका कारण यह है कि साल 2019 में, 15 करोड़ 50 लाख से ज्यादा चीनी पर्यटक अंतरराष्ट्रीय सैर-सपाटे के लिए निकले थे। वहीं, साल 2023 के पहले 6 महीनों में, चीन ने अपने 4 करोड़ से अधिक यात्री भेजे, और इस संख्या में बाद के महीनों में और भी बढ़ोतरी दर्ज की गई। ट्रैवल एक्सपर्ट्स का मानना ​​है कि इस साल चीनी पर्यटकों की संख्या में बहुत बड़ी वृद्धि हो सकती है।

साल 2019 में, चीनी पर्यटक दक्षिण एशियाई देशों की यात्रा में अग्रणी थे, और साल 2019 में थाइलैंड में 1 करोड़ 10 लाख चीनी पर्यटक पहुंचे थे। इससे थाइलैंड को 15.39 अरब डॉलर की आमदनी हुई और इससे थाइलैंड की विदेशी पर्यटकों से होने वाली कुल आय का 27% हिस्सा बना। चीनी पर्यटकों की इस बढ़ती हुई संख्या ने अनेक देशों के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा दिया है।

लेखक: करन शर्मा