नई दिल्ली/डेस्क: मायावती ने अपने जन्मदिन के मौके पर एक महत्वपूर्ण ऐलान किया, जिसमें उन्होंने बताया कि वह आगामी लोकसभा चुनाव में किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेंगी। इसके बाद एबीपी-सी ने एक सर्वे किया है, जिसमें जनता ने अपनी राय दी है।
सर्वे के परिणामों के अनुसार, मायावती के अकेले चुनाव लड़ने का फैसला करने पर लोगों की राय विभाजित है। तकरीबन 32% लोगों का मानना है कि यह उनके वोटबैंक को बचाने के लिए है, जबकि 22% लोगों को लगता है कि उन्हें अखिलेश यादव का साथ नहीं पसंद है। 17% लोग इसे मायावती के पिछले चुनावों से सीख निकालने का हिस्सा मानते हैं।
इसके अलावा, सर्वे में यह भी पूछा गया कि क्या छोटे दलों के साथ गठबंधन करने से बीएसपी को फायदा होगा या नहीं। 50% लोगों का मानना है कि इससे कोई फायदा नहीं होगा, 32% लोगों को लगता है कि इससे फायदा हो सकता है, और 18% लोगों ने पता नहीं बताया।
इसके अलावा, यदि मायावती को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जाता तो क्या इससे इंडिया गठबंधन को फायदा होता, इस पर भी सर्वे किया गया। तकरीबन 42% लोगों का मानना है कि इससे कोई फायदा नहीं होगा, 36% लोगों को लगता है कि इससे इंडिया मोर्चे के लिए यह काफी फायदे का सौदा हो सकता था, और 22% लोगों ने पता नहीं बताया।
आखिरकार, सर्वे में पूछा गया कि अगर मायावती अकेले चुनाव लड़ती हैं तो किस पार्टी को नुकसान होगा। इस पर 25% लोगों ने कहा है कि इससे बीजेपी को ज्यादा नुकसान होगा, 29% लोगों को लगता है कि ‘INDIA’ अलायंस को, 22% लोगों ने किसी को नहीं, और 14% लोगों ने दोनों को नुकसान होने की बात कही है, जबकि 10% लोगों ने राय व्यक्त करने में असमर्थता जताई है।
लेखक: करन शर्मा