रंग लाई भारत की एकता, घुटनों पर आया मालदीव

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नई दिल्ली/डेस्क: मालदीव की आर्थिक स्थिति भारत और उसके नागरिकों के मजाक के कारण बिगड़ गई है। भारतीय पर्यटकों के बहिष्कार से मालदीव की आर्थिक स्थिति संकट में आ गई है और इसका सीधा असर देश की इकनॉमी पर हो रहा है। मालदीव की आर्थिक स्थिति में दिन-प्रतिदिन बदलाव हो रहा है और इससे लगभग 44,000 परिवारों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

पिछले कुछ समय से भारत और मालदीव के रिश्तों में तनाव बढ़ा है। इसका आरंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे से हुआ था, जिसमें मालदीव के मंत्रियों ने प्रधानमंत्री का मजाक उड़ाया था। इसके परिणामस्वरूप मालदीव के बहुसंख्यक पर्यटकों के बहिष्कार से देश को रोजाना लगभग 9 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है।

व्यापक रूप से इस बहिष्कार के कारण, मालदीव की ट्रैवल इंडस्ट्री बुरी तरह प्रभावित हो रही है और उसकी आर्थिक स्थिति में कमी हो रही है। स्तिथि का अंदाजा आप इसी बात से लगा लीजिए कि मालदीव ने अपने पर्यटकों के लिए यात्रा का किराया तक आधा कर दिया है, फिर भी भारतीय पर्यटक अपनी नाराजगी के चलते वहां जाने को तैयार नहीं हैं।

इस आपत्तिजनक स्थिति में, हमें यह समझना होगा कि दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने के लिए समझदारी से काम करना चाहिए ताकि इस आर्थिक संकट को सुलझाया जा सके और सभी प्रभागीय परिवारों को नुकसान से बचाया जा सके।

लेखक: करन शर्मा