कूनो में एक और मौत! नामीबिया से आए चीता शौर्य की मौत, अब तक 10 की जा चुकी है जान

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नई दिल्ली: समाचार एजेंसी ANI से मिली जानकारी के अनुसार, नामीबिया से लाए गए चीता शौर्य की मंगलवार को कुनो नेशनल पार्क में मौत हो गई। शौर्य की मौत के साथ ही कूनो पार्क में अब तक 10 चीतों की मौत हो चुकी है, जिसमें तीन शावक शामिल हैं।

अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (APCCF) और निदेशक लायन प्रोजेक्ट के अनुसार, जब सुबह ट्रैकिंग टीम ने चीते की लड़खड़ाती चाल देखी, जिसके बाद शौर्य को टीम के द्वारा उपचार दिया गया। इस दौरान ट्रैकिंग टीम द्वारा सीपीआर भी दिया गया था, लेकिन टीम के किसी भी उपचार का चीता शौर्य पर कोई असर नहीं हुआ और दोपर 3:17 बजे के आसपास उसकी मौत हो गई। उसकी मौत कैसे हुई इस का कारण पोस्टमार्ट को बाद भी पता चल सकेगा।

नामीबिया और साउथ अफ्रीका से 20 चीते आए थे कूनो

बता दें कि शौर्य को 17 सितंबर 2023 को 8 चीतों के साथ नामीबिया से कूनो लाया गया था। चीता पुनरुत्पादन प्रिरियाजना के तहत कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया और साउथ अफ्रीका से कुल 20 चीते लाए गए थे। क्योंकि साल 1952 में चीतों को देश में विलुप्त घोषित कर दिया गया था। अफ्रीका और नामीबिया से चीतों का स्थानांतरण देश में उनकी आबादी को पुनर्जीवित करने की सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है। लेकिन चीतों की लगातार मौत ने वन विभाग और राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण को परेशान करे रखा है।

सुप्रीम कोर्ट पूछ चुका है चीतों की मौत का कारण

मई 2023 में बड़ी बिल्लियों (चीतों) की मौत पर चिंता व्यक्त करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मौतों के पीछे के कारणों और मौतों को रोकने के लिए किए गए उपचारात्मक उपायों के बारे में एक विस्तृत हलफनामा दायर करने को कहा था। जिसके बाद पर्यावरण एवं वन मंत्रालय और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने शीर्ष अदालत को बताया कि कुनों राष्ट्रीय उद्यान में वयस्क चीतों और शावकों की मौत परेशान करने वाली है, लेकिन “अनावश्यक रूप से चिंताजनक” नहीं है। अभी तक जितने भी चीतों की मौत हुई है। वो प्राकृतिक कारणों से हुई है। एहतियात के तौर पर चीतों को पकड़कर चिकित्सकीय जांच की गई है।

हालांकि, कुछ मीडियो रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि चीतों की मौत का कराण उनके गले में लगा ट्रैकिंग डिवाइस है। जो उन्हें नुकसान पहुंचा रहा है। लेकन इस तरह की सभी वजह को NTCA ने अफवाह बताया था।