नई दिल्ली/डेस्क: हाल ही में, “डिजीज एक्स” नामक एक नई बीमारी के बारे में व्यापक चर्चा हो रही है। इस बीमारी को लेकर विशेषज्ञों ने इसे कोरोना से 20 गुना अधिक घातक बताया है। डब्ल्यूएचओ भी इसे गंभीरता से लेकर रहा है और स्विटजरलैंड के दावोस में होने वाली वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की बैठक में भी इस पर चर्चा होगी। डब्ल्यूएचओ निदेशक घेब्रेयेसेस इस बीमारी को लेकर अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ चर्चा करेंगे।
इस नई बीमारी को 2017 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने निगरानी सूची में शामिल किया था और इसे सार्स और इबोला के समान गंभीर माना गया था। इसे “डिजीज एक्स” कहा जाता है, क्योंकि इसके बारे में अब तक कुछ ठोस जानकारी नहीं है। इस बैठक में डब्ल्यूएचओ चीफ और अन्य विशेषज्ञों के साथ इस पर चर्चा होगी, और भारत से अपोलो हॉस्पिटल की कार्यकारी उपाध्यक्ष प्रीता रेड्डी भी शामिल होंगी। इस बीच, वैश्विक स्वास्थ्य प्रणालियों को बेहतर बनाने के लिए नई पहलों का आलोचनात्मक परीक्षण भी किया जाएगा।
डब्लूएचओ ने यह भी बताया है कि इस बीमारी पर कब से निगाह है। इसके मुताबिक 2014 से 2016 के बीच वेस्ट अफ्रीका में इबोला महामारी फैली थी।। उनके अनुसार, इस दौरान यह बीमारी वहां फैली और करीब 11 हजार लोगों की जानें गईं। उन्होंने कहा कि अगर सही समय पर ठोस कदम उठाए जाते, तो जीवन बचाया जा सकता था। उन्होंने बताया कि उस दौरान कुछ शोध किया गया है जो भविष्य में होने वाली बीमारियों को पहचानने में मदद करेगा।
लेखक: करन शर्मा