क्यों जापान का चंद्रयान अभी भी नहीं हुआ सफल, चांद पर पहुंचने के बाद भी मिशन खतरे में?

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नई दिल्ली/डेस्क: जापान चंद्रमा पर उतरने वाला दुनिया का पांचवां देश बन गया है। शनिवार को जापानी अंतरिक्ष यान चंद्रमा की सतह पर उतरा, लेकिन क्या इसकी सटीक लैंडिंग हुई है या नहीं, इसकी पुष्टि अभी बाकी है। अधिकारियों के अनुसार, लैंडर के सौर ऊर्जा पैनलों में समस्या हो सकती है, जिससे यह अब बैटरी पर ही काम कर रहा है।

मून स्नाइपर अंतरिक्ष यान ने चंद्रमा पर पिनपॉइंट लैंडिंग करने का प्रयास किया है, लेकिन यह क्रैश हो सकता था। चंद्रमा की मजबूत गुरुत्वाकर्षण के कारण उतरने में मुश्किलें उत्पन्न होती हैं। शुक्रवार को लैंडिंग का प्रयास एक क्रेटर में किया गया। लेकिन स्पेसक्राफ्ट का संपर्क खो गया था और सबको लगा कि शायद यह क्रैश हो गया है। हालांकि बाद में एजेंसी ने लैंडिंग और संपर्क की पुष्टि की। लेकिन सोलर पैनल पर अभी भी रोशनी नहीं पहुंच रही है।

SLIM के सोलर पैनल को सूर्य की रोशनी नहीं पहुंच रही है, जिससे वह बिजली नहीं बना पा रहा है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें अभी भी कुछ उम्मीद है। खगोलशास्त्री स्कॉट टिली ने ट्वीट करके बताया है कि SLIM संभवतः छाया वाले क्षेत्र में है और यह काम कर सकता है, लेकिन समय इसमें बदलाव ला सकता है। उन्होंने कहा, ‘अगले पखवाड़े में सूर्य का कोण बदल जाएगा, इसलिए हम अचानक एक सरप्राइज देख सकते हैं।’ इसलिए, इस स्थिति में भी अभी सस्पेंस बना हुआ है।

लेखक: करन शर्मा

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