नई दिल्ली/डेस्क: तमिलनाडु विधान सभा के आज की बैठक में एक अनोखी घटना घटी। विधानसभा के पहले दिन की शुरुआत राज्यपाल आरएन रवि के संबोधन से हुई। लेकिन उन्होंने अपने भाषण को कुछ ही मिनटों में समाप्त कर दिया। राज्यपाल ने कहा कि उन्हें सरकार की अभिभाषण सामग्री में असहमति है। उन्होंने राष्ट्रगान का सम्मान न करने के लिए भी तमिलनाडु सरकार की आलोचना की।
राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रगान को अभिभाषण की शुरुआत और समाप्ति में बजाना चाहिए। यह उनके अनुरोध और सलाह का मामला है, जिसे सरकार ने नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने अपने भाषण का समापन यह कहकर किया कि अभिभाषण में ऐसे कई संदेश हैं जिनसे वह तथ्यात्मक और नैतिक आधार पर साफतौर से असहमत हैं और इसलिए सरकार की जिस बात से वह असहमत हैं उसे अपनी आवाज देना संविधान का मजाक उड़ाने के बराबर होगा।
लेखक: करन शर्मा