नई दिल्ली/डेस्क: स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी से नाराज होकर अपनी सदस्यता और विधान परिषद सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अखिलेश यादव को पत्र लिखकर 13 फरवरी को भेजे गए पत्र पर वार्ता के लिए पहल न करने पर इस्तीफा देने का निर्णय लिया।
उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि उन्होंने समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता छोड़ दी है, इसलिए नैतिकता के आधार पर उन्होंने उत्तर प्रदेश विधान परिषद की सदस्यता भी छोड़ दी है।
इसके बाद, मीडिया के साथ बातचीत में उन्होंने अखिलेश यादव को लेकर विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव रास्ते से भटक गए हैं और उनकी विचारधारा और उनकी पार्टी की नीतियों में मतभेद है।
स्वामी प्रसाद ने अखिलेश यादव पर सेकुलर होने का आरोप लगाया और कहा कि वह पार्टी कार्यालय में पूजा करवा रहे हैं, जो उनकी सेकुलरिज्म के खिलाफ है। उन्होंने सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की नीतियों की सराहना की और सपा के कुछ नेताओं के व्यवहार को लेकर आलोचना की।
स्वामी प्रसाद ने अब अपनी पार्टी की स्थापना करने का एलान करने के साथ-साथ दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के हित में काम करने का दावा किया है। साथ ही उन्होंने इंडिया गठबंधन में भाग लेने की संभावना पर भी बात की।
लेखक: करन शर्मा