Saudi में BAN हुई इफ्तार पार्टी, महिलाओं को मिली आजादी!

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नई दिल्ली/डेस्क: अगर प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भारत में होते तो उन पर इस्लामोफोबिया का आरोप लगाया जाता और उनका सिर कलम करने की मांग उठ रही होती। इतना ही नहीं, मोहम्मद बिन सलमान धीरे-धीरे कट्टरपंथ को खत्म कर रहे हैं, जिससे असली मुसलमान नाराज नहीं होंगे, बल्कि हर बात पर ड्रामा करने वाले नाराज होंगे। प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बारे में इन दिनों ये बात खूब कही जा रही है।

आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों है

अभी कुछ दिन पहले ही मोहम्मद बिन सलमान ने सऊदी महिलाओं के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है, जिसमें अब सऊदी महिलाओं को कुछ भी पहनने की आजादी होगी, यानी वे जो चाहें पहन सकती हैं। अब शायद ही कोई इसका विरोध करेगा।

लेकिन मोहम्मद बिन सलमान ने चरमपंथियों की हालत ख़राब कर दी है। हाल ही में उन्होंने रियाद में एक महिला पत्रकार को इंटरव्यू देते हुए कहा था कि हम कट्टरपंथ से लड़ने में अपनी जिंदगी के 30 साल बर्बाद नहीं करेंगे, हम इसे आज ही खत्म कर देंगे। अब यहां तक तो ठीक था, लेकिन मोहम्मद बिन सलमान ने सऊदी मस्जिदों में इफ्तार पार्टियों पर भी रोक लगा दी है, इतना ही नहीं किसी भी इमाम को इफ्तार पार्टियां आयोजित करने के लिए चंदा लेने पर भी रोक लगा दी गई है।

इसके अलावा रमज़ान के दौरान कहीं भी नमाज़ों का प्रसारण नहीं किया जाएगा और न ही मस्जिदों में नमाज़ के दौरान इमामों और नमाज़ियों की रिकॉर्डिंग के लिए कैमरों का इस्तेमाल किया जाएगा। अब ऐसा माना जाता है कि सलमान इस्लामिक देशों में एक साहसी नेता हैं, लेकिन देखिए, यह आधा सच है क्योंकि ऐसा फैसला इसलिए लिया गया है ताकि रमजान के पवित्र महीने के दौरान मस्जिदों को साफ रखा जा सके।

लेखक: करन शर्मा