संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं ने राष्ट्रपति से लगाई गुहार, सामाजिक, आर्थिक और शारीरिक शोषण की सुनाई पीड़ा!

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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली के दलित और आदिवासी महिलाओं ने आज अपनी पीड़ा और अन्याय की गुहार लगाने के लिए राष्ट्रपति से मुलाकात की। इन महिलाओं ने पश्चिम बंगाल के उत्तरी चौबिस परगना जिले के संदेशखाली में हो रहे सामाजिक, आर्थिक, और शारीरिक शोषण के खिलाफ आवाज उठाई। उनका कहना है कि बीते कई वर्षों से टीएमसी के नेता शाहजंहा शेख और उसके साथी उन्हें पीड़ित कर रहे हैं।

महिलाओं ने कहा कि अगर कोई उनका विरोध करता है तो उनके परिवार के साथ मारपीट की जाती है और उनके बच्चों की हत्या की धमकी दी जाती है। उन्होंने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, अनुसूचित जाति आयोग, और महिला आयोग की टीम से भी इंसाफ की मांग की, लेकिन राज्य सरकार के आश्रय के कारण शाहजंहा शेख के गुर्गे आज भी खुले में घूम रहे हैं।

महिलाओं ने कहा कि शाहजंहा शेख के दो भाई सिराज शेख और आलमगीर उन्हें धमकी दे रहे हैं कि उन्हें मीडिया और न्यायपालिका में विषय ठंडा पड़ने के बाद हत्या कर दी जाएगी। संदेशखाली से पांच महिलाओं ने दिल्ली आकर राष्ट्रीय मीडिया के साथ बातचीत की, और सीबीआई से मामले में टीएमसी के नेताओं और शाहजंहा शेख के भाईयों को गिरफ्तार करने की मांग की।

इन महिलाओं ने कहा कि उनके छोटे बच्चों और परिवार वालों को लगातार हत्या की धमकी मिल रही है, और राज्य सरकार अपराधियों को ही बचाने में लगी है।

उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन भी उनके खिलाफ शाहजंहा शेख के इशारों पर काम कर रहे हैं। इसके अलावा, आदिवासियों की जमीन कब्जा किया जा रहा है और उन्हें बंधक बनाकर रखा जा रहा है। संदेशखाली में भयमुक्त वातावरण का निर्माण किया जाना चाहिए और उनकी सुरक्षा की गारंटी दी जानी चाहिए।