अगर आप भी है डिप्रेशन जैसी समस्या का शिकार, तो जानिए कैसे करें इस समस्या को दूर ?

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नई दिल्ली/डेस्क: नकारात्मकता की ओर आकर्षित होना, उदास रहना, अपने मन पसंदीदा कामों में रुचि खोना, यह सभी डिप्रेशन के लक्षण हो सकते हैं. अगर आपको भी ऐसे कोई लक्षण नजर आ रहे हैं, तो कहीं आप भी तो नहीं डिप्रेशन की शिकार? डिप्रेशन की समस्या एक मानसिक बीमारी है, जो धीरे-धीरे बढ़ती चली जाती है और इस बीमारी को जल्द से जल्द दूर करना ही आपके लिए अच्छा होगा. तो चलिए जानते इस बीमारी को कैसे दूर किया जा सकता है.

गलत विचारों को कैसे कंट्रोल करें ?

अगर काम कुछ कर रहें हैं और ध्यान कहीं और है और वो बातें दिमाग से जाने का नाम नहीं ले रही तो समझ चाहिए आप तनाव में हैं. और इस तनाव को दूर करने का सबसे आसान तरीका है व्यायाम करना. हर सुबह व्यायाम या योग को अपने लाइफ का हिस्सा बना लें.

पॉजिटिव सोच वाली किताबें पढ़ें

अच्छी-अच्छी किताबें पढ़कर भी आप खुद के अंदर से नेगेटिविटी को दूर कर सकते हैं. वह किताबें पढ़ें जो जीवन के प्रति पॉजिटिव सोच रखने के फायदों के बारे में समझाती हों. कुछ प्रेरणा देने वाले लोगों की किताबें पढ़ें. अपनी खामियों से पार पाना सीखें. बुक्स तनाव दूर करने का बेस्ट जरिया हैं. मशहूर लोगों के सकारात्मक विचार, कोट्स को पढ़कर भी आप नकारात्मकता को दूर कर सकते हैं.

स्माइल करते रहना चाहिए

स्माइल कई मर्ज की दवा होती है. हंसने से न सिर्फ नकारात्मक विचार दिमाग में नहीं आते, बल्कि स्ट्रेस भी दूर होता है. डेली लाइफ के दौरान ऐसे कई काम होते हैं, जब इंसान पर स्ट्रेस या नेगेटिविटी हावी होती है. ऐसे में उसे हमेशा हंसते-मुस्कराते रहना चाहिए.

पॉजिटिव सोच रखने वाले लोगों के आस-पास रहे

पर्सनल लाइप के रिश्ते हो या फिर प्रोफेशनल लाइफ के रिश्ते, हमेशा ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए जो नेगेटिव बातें करते हो. इससे भले ही आपको कुछ टाइम के लिए बुरा लग सकता है, लेकिन लॉन्ग टर्म हैप्पीनेस के लिए ये जरूरी होता है. पॉजिटिव रहने के लिए जरूरी है कि ऐसे लोगों से मिले जुले जो खुद भी पॉजिटिव सोच रखते हो.

डिप्रेशन के आंकड़े

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन द्वारा प्रकाशित एक डेटा के अनुसार 2015 में पूरे विश्व में 300 मिलियन लोगों को डिप्रेशन में पाये गए. वहीं देखा जाए तो विश्व की पूरी जनसंख्या मे से 4.3 प्रतिशत लोग डिप्रेशन से पीड़ित हैं. नेशनल हेल्थ सर्वे 2015-16 के अनुसार भारत में 20 में से एक व्यक्ति मेंटल हेल्थ जैसे कि डिप्रेशन जैसी समस्या का शिकार है. इसके साथ ही यह समस्या 15 से लेकर 49 साल तक के व्यक्ति को सबसे ज्यादा असर करती है.

लेखक: इमरान अंसारी